सहारनपुर जिले से देहरादून आने वाले रास्ते पर एशिया का सबसे बड़ा वन्यजीव एलिवेटेड कॉरिडोर बनने जा रहा है। ऐसी ही पांच बड़ी योजनाओं का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिसंबर को देहरादून में शिलान्यास करेंगे। साथ ही वह सात योजनाओं का लोकार्पण भी करेंगे। तक़रीबन 18 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे।
यह दिल्ली से देहरादून के मध्य यात्रा के समय को 6 घंटे से घटाकर लगभग ढाई घंटे कर सकता हैं। जिसमें हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत से कनेक्ट करने के लिए 7 प्रमुख इंटरचेंज हों सकते है। इसमें वन्यजीवों के लिए बिना रोक – टोक आवागमन के लिए एशिया का सबसे बड़ा वन्यजीव एलीवेटेड कॉरिडोर होगा। दिल्ली-देहरादून इकनॉमिक कॉरिडोर में 500 मीटर के अंतराल पर वर्षा जल संचय और 400 से ज्यादा जल के रिचार्ज प्वाइंट की व्यवस्था भी होगी।
इसमें एशिया का सबसे बड़ा 12 किलोमीटर लंबा वन्यजीव एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा। इसके बनने के बाद दिल्ली से देहरादून की यात्रा छह घंटे से घटकर ढाई घंटे हो जाएगी।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर 2082 करोड़ की लागत से 51 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट बनाया जाएगा। यह दिल्ली से हरिद्वार के बीच बहादराबाद और सहारनपुर के हलगोवा के बीच बनेगा। इसमें छह इंटरचेंज, चार फ्लाईओवर, छह प्रमुख पुल, दस माइनर, दो रेलवे ओवर ब्रिज और 10 वीयूपी होंगे।
गांव और कस्बों को हाईवे से जोड़ने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत हरिद्वार रिंग रोड का निर्माण होगा। यह रिंग रोड मनोहरपुर से कांगड़ी तक 15 किलोमीटर लंबा होगा, जिस पर 1602 करोड़ का खर्च होगा। इससे कुमाऊं की कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।
लक्ष्मणझूला पुल की भार क्षमता घट जाने की वजह से आवागमन बंद है। लक्ष्मण झूले के निकट ‘गंगा नदी’ पर एक पुल भी बनाया जा सकता है। बनने वाले पुल पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए कांच के डेक का प्रावधान होगा, साथ ही, हल्के वजन के वाहनों को भी पार करने की अनुमति होगी।
देहरादून-पौंटा साहिब मार्ग : 1695 करोड़ की लागत से 50 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाया जाएगा। यह पौंटा साहिब से शुरू होकर बल्लूपुर चौक तक बनेगा। इसमें तीन बड़े, 43 छोटे पुल, एक फ्लाईओवर, 15 अंडरपास शामिल हैं। इससे हिमाचल से देहरादून की यात्रा काफी आसान हो जाएगी।