पंजाब के अमृतसर शहर के एक गांव में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया गया है। राजासांसी के अदावली गांव के संत निरंकारी भवन में हुए इस ब्लास्ट में 3 लोगों की मौत हो गई है।
अमृतसर में रविवार को जहां धमाका हुआ था, वहां सोमवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को जाना था। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने उनके स्वागत में लाल कालीन बिछाई थी, लेकिन मामला मीडिया में आने के बाद विवाद बढ़ गया, फिर इसे हटाकर हरी कालीन बिछा दी गई।
अमृतसर स्थित निरंकारी आश्रम के बाहर पंजाब के मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। इसके लिए रेड कार्पेट बिछाया गया था। बाद में इसे हटाकर ग्रीन कारपेट बिछा दिया गया। गम के इस माहौल में शाही स्वागत की आवश्यकता पर जब पुलिस प्रशासन से सवाल पूछा गया तो जवाब काफी चौंकाने वाला था। पुलिस ने मीडिया के माथे ठीकरा फोड़ा और कहा कि कालीन बिछाने का आग्रह मीडिया की ओर से किया गया था।
अमृतसर के एसएसपी परमाल सिंह ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘इसका प्रबंध करने के लिए मीडिया ने ही कहा था। अब मीडिया खुद कह रहा है कि इसकी क्या जरूरत थी, ऐसा रवैया अच्छा नहीं है।’
उधर, अमृतसर ग्रेनेड हमले के पीछे आईएसआई का हाथ होने का अनुमान है। पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से कश्मीर में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आतंकियों को हैंड ग्रेनेड हमले के लिए तैयार किया और कई इस तरह के हमले हुए, उसी तरह अमृतसर में भी हमला किया गया। कहा जा रहा है कि अब उसी तरीके को आईएसआई पंजाब में भी खालिस्तानी आतंकियों की मदद से लागू करने की कोशिश में है।
पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, हैंड ग्रेनेड को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाना आसान है और हैंड ग्रेनेड से होने वाले ब्लास्ट का असर भी ज्यादा खतरनाक होता है, इसके साथ ही हैंड ग्रेनेड के इस्तेमाल के लिए लोकल युवाओं को ट्रेनिंग भी सोशल मीडिया और मैसेंजर एप्स के जरिए आसानी से दे दी जाती है। इसी वजह से अब हैंड ग्रेनेड पंजाब में आतंक का नया हथियार बन चुका है और कश्मीरी आतंकी संगठनों को आईएसआई ने जिम्मेदारी दी है कि वो हैंड ग्रेनेड पंजाब में पहुंचाए।
विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थक खालिस्तानी आतंकियों को निर्देश है कि वो सिख युवाओं को बरगला कर खालिस्तान की मुहिम से जोड़ें और उन तक पैसा भेजें। कुछ ऐसा ही धमाका हाल में खालिस्तान गदर फोर्स के पटियाला से पकड़े गए आतंकी शबनम दीप सिंह को पटियाला बस स्टैंड पर करना था लेकिन उससे पहले ही पंजाब पुलिस ने उसे दबोच लिया था।