पटना में अमित शाह का विपक्ष पर तीखा हमला, बोले — घुसपैठियों को पालने वाले अब देश की सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं

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बिहार की राजधानी पटना में रविवार को आयोजित एक विशाल जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि जब भाजपा सरकार देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की बात करती है, तो उन दलों को तकलीफ होती है जो घुसपैठियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं।

गृह मंत्री ने कहा, “हमने देश की सुरक्षा के लिए ‘एसआईआर’ यानी सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और राष्ट्रवाद का मंत्र दिया है। लेकिन विपक्ष को इस ‘एसआईआर’ से सबसे ज्यादा परेशानी होती है, क्योंकि उनकी राजनीति तुष्टिकरण पर आधारित है।”

बिना नाम लिए कांग्रेस और आरजेडी पर हमला करते हुए शाह ने कहा, “इन दलों ने सालों तक सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठियों को बसाया, उन्हें पहचान पत्र दिलाए, और अब वही लोग देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं।”

उन्होंने जनता से सवाल किया, “क्या देश की सीमाएं सुरक्षित रखना और नागरिकों की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य नहीं है?” शाह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आतंकवाद और नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार किया गया है। “जहां पहले गोलियों की आवाजें आती थीं, अब वहां विकास की गूंज सुनाई देती है,” उन्होंने कहा।

अमित शाह ने बिहार की महागठबंधन सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा, “नीतीश जी बार-बार पलटी मारते हैं, लेकिन जनता अब हर पलटी का हिसाब रख रही है। अगली बार बिहार में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।”

सभा में गृह मंत्री ने केंद्र सरकार की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में देश ने विकास, सुरक्षा और स्वाभिमान के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है, जो भाजपा सरकार की नीति और नीयत का प्रमाण है।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा कि यह गठबंधन भ्रष्टाचार, परिवारवाद और विफलता” का प्रतीक है। इन लोगों ने सिर्फ सत्ता के लिए हाथ मिलाया है, लेकिन जनता जानती है कि देश को सुरक्षित और समृद्ध रखने का काम सिर्फ मोदी जी ही कर सकते हैं।

सभा में भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। अपने संबोधन के अंत में शाह ने कार्यकर्ताओं से आगामी चुनावों के लिए पूरी ताकत से जुटने की अपील करते हुए कहा, “यह चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा और सम्मान के भविष्य का चुनाव है।”