
छठ महापर्व के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिलों में डीजे, तेज ध्वनि वाले लाउडस्पीकर और आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि घाटों और पूजा स्थलों पर शांति और सहज व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। पुलिस ने संभावित भीड़ प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए यातायात का विशेष प्लान भी जारी किया है।
अधिकारियों के अनुसार, पर्व के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के घाटों तक पहुंचने की संभावना है। इसी को देखते हुए मुख्य मार्गों पर यातायात डायवर्जन लागू किया जाएगा। त्योहार के प्रमुख दिनों पर भारी वाहनों की आवाजाही पर भी रोक रहेगी। पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है और संवेदनशील घाटों को चिन्हित कर विशेष सुरक्षा व्यवस्था लागू की जा रही है। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी निगरानी से भीड़ पर सतत नजर रखी जाएगी।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। स्थानीय निकाय घाटों की सफाई, प्रकाश व्यवस्था और मेडिकल सुविधाओं पर विशेष निगरानी रख रहे हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके। गोताखोरों की टीम को भी तैनात किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने भीड़ वाले स्थलों पर प्राथमिक उपचार केंद्र बनाए हैं, वहीं जल पुलिस नावों के जरिए लगातार पेट्रोलिंग करेगी। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं और स्वयंसेवी संगठनों से अपील की है कि वे धैर्य और अनुशासन बनाए रखें तथा प्रशासनिक दिशा-निर्देशों में सहयोग करें। प्रशासन को उम्मीद है कि इन इंतजामों के माध्यम से छठ महापर्व के दौरान श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुगम और शांतिपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराया जा सकेगा।












