
लिवर को शरीर का ‘प्रबंधक’ कहा जाता है क्योंकि यह न केवल भोजन पचाने में मदद करता है, बल्कि विषैले तत्वों को छानने और शरीर के हर हिस्से की ज़रूरतों को संतुलित रखने का भी काम करता है। लेकिन जब यही लिवर फैटी हो जाता है यानी उसमें वसा (फैट) जमा हो जाती है, तो यह शरीर के हर कोने पर असर डालता है खासतौर पर त्वचा पर।
क्या है फैटी लिवर?
फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है। इसके पीछे मुख्य रूप से शराब का सेवन, असंतुलित आहार, मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे कारण जिम्मेदार होते हैं। यह न केवल लिवर को बीमार करता है, बल्कि कई अन्य बीमारियों की शुरुआत भी यहीं से होती है।
त्वचा पर दिखते हैं फैटी लिवर के संकेत
फैटी लिवर की स्थिति में लिवर की डिटॉक्स यानी विषैले तत्वों को बाहर निकालने की क्षमता प्रभावित हो जाती है, जिससे त्वचा पर साफ संकेत उभरने लगते हैं –
1.खुजली वाले दाने – शरीर पर ऐसे दाने जो खुजली करते हों, फैटी लिवर का इशारा हो सकते हैं।
2. त्वचा पर पैचेस – चेहरे या शरीर पर असामान्य धब्बे या पैचेस बनना।
3. चेहरे पर लालिमा या काले धब्बे – विशेषकर गालों पर लाल रंग की झलक या गहरे निशान।
4. आंखों के नीचे काले घेरे – थकावट से अलग, यह लिवर की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है।
5. त्वचा का पीला पड़ना (गंभीर स्थिति में) – यह हेपेटाइटिस या लिवर फेलियर की ओर भी इशारा करता है।
कैसे करें लिवर की रक्षा?
शराब से पूरी दूरी रखें – क्योंकि यह लिवर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है।
संतुलित आहार लें – चीनी, मैदा और अधिक नमक से बचें। फास्ट फूड से दूरी बनाएं और हरी सब्जियां, फल, होल ग्रेन को डाइट में शामिल करें।
नियमित व्यायाम करें – शरीर को एक्टिव रखने से लिवर पर बोझ कम होता है।
डॉक्टर से संपर्क करें – लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय रहते जांच करवाएं।
लिवर की समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ती हैं लेकिन समय रहते पहचान ली जाएं तो इलाज संभव है। त्वचा पर आने वाले बदलावों को हल्के में न लें — यह आपके लिवर की ‘चुप चेतावनी’ भी हो सकती है।