पंजाब में जीत के बाद हिमाचल प्रदेश में AAP की एंट्री

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पंजाब में प्रचंड जीत के बाद अब आम आदमी पार्टी बाकी राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत करने पर जोर देने की कोशिश में है । इस समय AAP की सरकार दो राज्यों दिल्ली और पंजाब में है। लेकिन अब पार्टी सभी राज्यों की सत्ता हासिल करने की कोशिश में जुट गई है। आम आदमी पार्टी की ओर से फिलहाल गुजरात और हिमाचल प्रदेश पर फोकस किया जा रहा है। दोनों ही राज्यों में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। खासतौर पर हिमाचल को लेकर आम आदमी पार्टी काफी उत्साहित है क्योंकि यह पंजाब से सटा हुआ सूबा है।

पार्टी ने 9 राज्यों में पार्टी के प्रसार के लिए प्रभारियों और संगठन के लोगों के नाम की घोषणा की ह। इन राज्यों में- असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, पंजाब, राजस्थान और तेलंगाना शामिल हैं। यही नहीं सांस्कृतिक तौर पर हिमाचल का बड़ा क्षेत्र पंजाब के प्रभाव में रहा है। ऐसे में आम आदमी पार्टी इस राज्य में तीसरा विकल्प बनकर मजबूती से उभरने की तैयारी में है। यहां अब तक कांग्रेस और भाजपा ही बारी-बारी से शासन करती रही हैं।

पंजाब में जीत के बाद अब आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश के चुनावी दौड़ में शामिल हो गई है। सूत्रों ने बताया कि 6 अप्रैल को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मंडी लोकसभा क्षेत्र में रोड शो करेंगे। इस रोड शो में बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के जुटने की उम्मीद है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पंजाब में AAP को मिली प्रचंड जीत के बाद पार्टी अब देश भर में संगठन को विस्तार देने और इसे मजबूत करने में जुट गई है।

लेकिन पंजाब से सटे ऊना और कांगड़ा जैसे जिलों में जरूर उसका प्रभाव दिख सकता है। इसके अलावा बड़ी बात यह है कि आम आदमी पार्टी की एंट्री इस बार भाजपा के लिए वरदान जैसी हो सकती है। हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन करने वाले हिमाचल में आप की एंट्री से भाजपा का मिशन रिपीट सफल हो सकता है।

दरअसल हिमाचल के सुदूर इलाकों तक आप के लिए पहुंच बना पाना थोड़ा कठिन होगा। इसके अलावा पंजाब की तरह यहां उसके पास अभी लोकप्रिय चेहरों का भी अभाव दिखता है। फिर भी एक ऐसा पहलू है, जिसके जरिए आम आदमी पार्टी मजबूती से दस्तक दे सकती है। यह है जातिगत समीकरण। हिमाचल में अब तक कुल 6 मुख्यमंत्री हुए हैं। इनमें से शांताकुमार ब्राह्मण थे और बाकी 5 मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार, ठाकुर राम लाल, वीरभद्र सिंह, प्रेमकुमार धूमल और अब जयराम ठाकुर सभी क्षत्रिय बिरादरी से आते हैं। आबादी के लिहाज से बात करें तो भले ही ठाकुरों की आबादी 35 फीसदी है, जो राज्य में सबसे ज्यादा है। लेकिन दलित और ओबीसी के प्रतिनिधित्व के नाम पर आम आदमी पार्टी बढ़त बना सकती है।