
प्रकृति ने एक बार फिर उत्तराखंड में कहर बरपाया है। भारी बारिश और बादल फटने के चलते कई इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिससे घर जमींदोज हो गए और कई लोगों की जान चली गई। इस तबाही के बीच रेस्क्यू टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
इसी बीच एक चमत्कारिक घटना ने उम्मीद की किरण जगाई। नंदानगर के कुंतरी लगा फाली गांव में मलबे के नीचे दबे एक व्यक्ति को 16 घंटे बाद जिंदा निकाल लिया गया। यह शख्स 42 वर्षीय कुंवर सिंह हैं, जिनका मकान सैलाब में मलबे के नीचे दब गया था। हालांकि उनकी पत्नी कांता देवी और दोनों बेटे विकास व विशाल अब भी लापता हैं।
मलबे के अंदर से आई आवाज, बढ़ी उम्मीद
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य रेस्क्यू टीमें घंटों से मलबा हटाने में जुटी थीं। इसी दौरान मलबे के अंदर से हल्की सी आवाज आई, जिससे सभी को लगा कि कोई जिंदा हो सकता है। तुरंत ही बचाव दल ने तेजी दिखाई और मलबा हटाकर अंदर झांका तो वहां कुंवर सिंह जिंदा मिले। मौके पर ही उनका प्राथमिक उपचार किया गया और फिर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नंदानगर भेज दिया गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार कुंवर सिंह बेहद कमजोर हालत में हैं और बार-बार अपने कुल देवताओं और बिनसर महादेव का नाम जप रहे थे। जिस पहाड़ी पर बादल फटा, वहीं बिनसर महादेव का मंदिर भी स्थित है। कुंवर सिंह का कहना है कि देवताओं की कृपा से ही वे जीवित बच पाए।
अभी जारी है तलाश
जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि बचाव दल लगातार मलबा हटाने का काम कर रहा है और कुंवर सिंह की पत्नी व दोनों बच्चों की तलाश जारी है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।