
अमेरिका में वर्क वीजा रखने वाले विदेशी पेशेवरों के लिए एक बड़ा बदलाव लागू हो गया है। अमेरिकी प्रशासन ने नया आव्रजन नियम लागू करते हुए यह स्पष्ट किया है कि अब वर्क वीजा के नवीकरण की प्रक्रिया लंबित रहने पर कोई भी विदेशी कर्मचारी अमेरिका में काम जारी नहीं रख सकेगा। यह नया नियम गुरुवार, 30 अक्टूबर से प्रभावी हो गया है।
पहले की व्यवस्था के तहत, यदि किसी वर्क वीजा धारक ने उसकी वैधता समाप्त होने से पहले नवीकरण के लिए आवेदन किया होता, तो उसे 180 दिनों तक काम जारी रखने की अनुमति रहती थी। लेकिन नई नीति में यह सुविधा समाप्त कर दी गई है। अब वीजा नवीकरण की प्रक्रिया पूरी होने तक कर्मचारी को या तो कार्यस्थल से अवकाश लेना होगा या देश छोड़ना पड़ेगा।
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने कहा है कि यह कदम वीजा प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, इस बदलाव से सबसे अधिक असर उन पेशेवरों पर पड़ेगा जो H-1B और L-1 वीजा पर अमेरिका में कार्यरत हैं। इन वीजा श्रेणियों में भारतीय पेशेवरों की संख्या सबसे अधिक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका में करीब 75 प्रतिशत H-1B वीजा धारक भारतीय हैं, जो आईटी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और वित्तीय क्षेत्रों में कार्यरत हैं। नए नियम के तहत, वीजा नवीकरण में जरा-सी देरी होने पर भी इन कर्मचारियों को अपना काम रोकना पड़ सकता है। इससे न केवल उनकी आय प्रभावित होगी बल्कि कंपनियों की उत्पादकता पर भी सीधा असर पड़ेगा।
भारतीय आईटी कंपनियां जैसे इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो और टेक महिंद्रा इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं। इन कंपनियों के हजारों कर्मचारी हर साल वीजा नवीकरण की प्रक्रिया से गुजरते हैं। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि नया नियम ऑनसाइट प्रोजेक्ट्स में बाधा डाल सकता है और कंपनियों को वैकल्पिक रणनीतियों पर विचार करना पड़ेगा।
इस निर्णय का विरोध भी शुरू हो गया है। अमेरिका के इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन और कई तकनीकी उद्योग संगठनों ने इसे अव्यावहारिक और नुकसानदायक बताया है। उनका कहना है कि वीजा नवीकरण प्रक्रिया पहले से ही महीनों तक चलती है, और इस दौरान कर्मचारियों को काम से रोकना न केवल आर्थिक हानि देगा बल्कि कंपनियों के संचालन पर भी नकारात्मक असर डालेगा।
हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने यह संकेत दिया है कि सरकार नवीकरण प्रक्रिया को तेज और डिजिटल बनाने पर काम कर रही है, ताकि विलंब की संभावना को कम किया जा सके। साथ ही, कुछ विशेष श्रेणियों के वीजा धारकों को अस्थायी राहत देने पर भी विचार किया जा रहा है।
इस बीच, भारतीय आईटी सेक्टर और प्रवासी भारतीय समुदाय दोनों इस निर्णय को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि अमेरिकी सरकार जल्द ही इसमें आवश्यक सुधार लाएगी।












