
देश को कश्मीर से जोड़ने वाले सबसे महत्वाकांक्षी रेल प्रोजेक्ट में ऐतिहासिक क्षण आने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून के पहले सप्ताह, संभावित रूप से 6 जून को कटड़ा से बारामुला तक वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर एक नई रेल यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं। यह कदम जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से रेल नेटवर्क के ज़रिए जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
इस मौके पर उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) का 274 किलोमीटर लंबा खंड पूरी तरह से परिचालन में आ जाएगा। यह परियोजना 2009 में शुरू हुई थी और अब जाकर अमरनाथ यात्रा से पहले इसे पूर्ण करने की दिशा में अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरी तैयारी कर ली है। रेलवे अधिकारियों द्वारा कटड़ा से बनिहाल तक ट्रैक का निरीक्षण किया गया है। साथ ही पूरे मार्ग में तैनात रेल कर्मचारियों की जानकारी भी सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दी गई है।
जीआरपी (Government Railway Police) ने संवेदनशील इलाकों में पहले से ही अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री का दौरा पहले 19 अप्रैल को प्रस्तावित था, लेकिन खराब मौसम और सुरक्षा कारणों से कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा था। इसके बाद 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के चलते उद्घाटन फिर टल गया।
अमरनाथ यात्रियों को राहत, ट्रेन बनेगी वैकल्पिक मार्ग
वंदे भारत ट्रेन सेवा के शुरू होने से अमरनाथ यात्रा पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी। बरसात के दौरान जब जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो जाता है, तब यह ट्रेन एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम आएगी। यह सेवा कटड़ा से श्रीनगर का सफर पांच से सात घंटे से घटाकर महज तीन घंटे में पूरा कर देगी।
प्रधानमंत्री करेंगे विश्व के सबसे ऊंचे रेल पुल का निरीक्षण
प्रधानमंत्री मोदी अपने इस दौरे में चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल और भारत के पहले केबल स्टे रेलवे पुल का भी निरीक्षण करेंगे। यह दोनों संरचनाएं भारतीय रेलवे की इंजीनियरिंग क्षमता का बेजोड़ उदाहरण हैं। इसके बाद पीएम कटड़ा रेलवे स्टेशन से विशेष वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे और कटड़ा स्टेडियम में एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
जहां इस ट्रेन सेवा से लोगों को तीव्र और सुगम यात्रा की सुविधा मिलेगी, वहीं यात्रा की सुरक्षा रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। खासतौर पर अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और भी सख्त किया जाएगा ताकि कोई अनहोनी न हो।