हरियाणा में लगाए जाएंगे 50 हजार सोलर पंपिंग सिस्टम, आवेदकों को मिलेगी 75 फीसदी सब्सिडी

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप हरियाणा पिछले पांच वर्षों से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल भी उपस्थित रहे।

आज से 7 वर्ष पहले तक इस क्षेत्र में न के बराबर कार्य हुआ था। वर्ष 2014 तक केवल 492 सोलर पम्प कनेक्शन दिये गए थे। वर्तमान सरकार सरकार ने लगभग 25,000 सोलर पंप कनेक्शन दिए हैं और 13,800 कनेक्शन देने का कार्य प्रगति पर है। राज्य सरकार ने 50 हजार सोलर पम्प सेट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उन्होंने कहा कि इन पम्पों पर किसानों को केवल 25 प्रतिशत ही खर्च करना होता है और 75 प्रतिशत तक सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 50 हॉर्स पावर से कम बिजली के टयूबवैल, जो खेती के लिए उपयोग में लिए जा रहे हैं, उन्हें सौर ऊर्जा में बदला जा रहा। उन्होंने कहा कि है ये कनेक्शन भी केवल उन्हें दिए जा रहे हैं, जो सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों को खुली सिंचाई की बजाय सूक्ष्म सिंचाई, टपका सिंचाई या फव्वारा सिंचाई या सामुदायिक तालाबों से सिंचाई की परियोजना अपनाने के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात के बाद हरियाणा देश का दूसरा राज्य है जिसने सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कृषि योग्य लगभग 80 लाख एकड़ भूमि है। इसमें से 75 प्रतिशत क्षेत्र में सिंचाई हो पाती है। शेष भूमि पर सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है। कृषि क्षेत्र में हर वर्ष किसानों को लगभग 6500 करोड़ रुपए की सबसिडी दी जाती है। सौर ऊर्जा को अपनाने से सबसिडी का भार भी कम होगा और पानी की बचत होगी। इससे किसानों का डीजल बचेगा और आय में भी वृद्धि होगी।