केंद्रीय राज्य मंत्री और आरपीआई नेता रामदास अठावले एससी-एसटी के लिए पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश हैं और इस बाबत वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और इस पर फिर से विचार करने का निवेदन करेंगे।
अठावले ने कहा, “हमारे संविधान में एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण के लिए प्रावधान है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एससी-एसटी क्लास 1,2,3 और 4 की नौकरियों में नहीं दिखेंगे”
रामदास अठावले का मामना है कि सुप्रीम कोर्ट केनिर्णय से एससी-एसटी के विकास में समस्याएं आएंगी , इसलिए केन्द्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, “पदोन्नति में आरक्षण होना चाहिए और यह हमारा संवैधानिक अधिकार है. अब विकल्प यही है कि केंद्र सरकार इस बाबत संसद में कानून पारित करे।”
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए एससी-एसटी को पदोन्नति में आरक्षण की देने की जरूरत से नहीं बताई और मामला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रमोशन में आरक्षण देना अनिवार्य नहीं है।
फैसला सुनाते हुए जस्टिस नरीमन ने कहा कि नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही था, इसलिए इस पर फिर से विचार करना जरूरी नहीं है। यानी इस मामले को दोबारा 7 जजों की पीठ के पास भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है।