एजेंसी:-रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 को अपग्रेड करने की योजना ठंडे बस्ते में ही चली गई है। वायुसेना 20 हजार करोड़ की लागत से 12 सुखोई विमान को भी मोस्ट एडवांस बनाना चाहती थी।
यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच, सुखोई-30 लड़ाकू विमान के बेड़े को अपग्रेड करने की वायुसेना की 35,000 करोड़ रुपये की योजना को ठंडे बस्ते में पड़ गई है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से ये कहा है कि 20 हजार करोड़ में मिलने वाले 12 मोस्ट एडवांस सुखोई-30 लड़ाकू विमान में भी कुछ बदलाव को किए जाएंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि इन विमानों में सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत ही कुछ स्वदेशी कंटेंट भी डाला जाएगा। गौरतलब ये है कि सरकार ने पिछले दिनों ही डिफेंस प्रोडक्ट के आयात को कम करने और भारतीय डिफेंस प्रोडक्ट को प्राथमिक्ता देने की मुहीम भी शुरू की थी।
जानकारी के मुताबिक में भारतीय वायुसेना हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स और रूसी कंपनियों के साथ में मिलकर अपने 85 विमानों को आधुनिक स्टेंडर्ड के हिसाब से ढालने की तैयारी को कर रही थी लेकिन ये प्लान भी फिलहाल ठप्प पड़ गया है। भारतीय वायुसेना सुखोई-30 विमान में शक्तिशाली रडार के साथ में जंग के लिए आधुनिक तकनीक से लैस को करना चाहती थी।