उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को अब मिलेंगे 50 लाख रुपये

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उत्तराखंड सरकार ने देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों के आश्रितों के लिए एक ऐतिहासिक और सम्मानजनक फैसला लिया है। अब तक बलिदानी सैनिकों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य सरकार के वीर शहीदों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले वर्ष 26 जुलाई 2024 को कारगिल विजय दिवस पर यह घोषणा की थी कि बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि में पांच गुना वृद्धि की जाएगी। हालांकि, प्रस्ताव को मंजूरी के लिए न्याय और फिर वित्त विभाग भेजा गया, जहां से प्रारंभ में आपत्ति आई और प्रक्रिया कुछ समय के लिए अटक गई।

अब सरकार ने इस फैसले पर आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि यह राशि सीएम धामी की घोषणा की तिथि यानी 26 जुलाई 2024 से प्रभावी मानी जाएगी।

1679 वीर सपूतों का बलिदान

उत्तराखंड को वीरभूमि कहा जाता है और यह बात आंकड़ों से भी प्रमाणित होती है। अब तक राज्य के 1679 सैनिक देश की सेवा में बलिदान दे चुके हैं।

भारत-चीन युद्ध 1962 में उत्तराखंड के 245 जवान शहीद हुए थे। भारत-पाक युद्ध 1971 में 217 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।

यह अनुग्रह राशि उन वीर सैनिकों के परिवारों की आर्थिक सहायता के साथ-साथ उनके योगदान को सम्मानित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा, “प्रदेश के बलिदानी सैनिकों के आश्रितों को 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का आदेश हो चुका है। यह राशि मुख्यमंत्री की घोषणा की तिथि से दी जाएगी। यह निर्णय वीर शहीदों के सम्मान में लिया गया है।”

सरकार के इस निर्णय से न केवल बलिदानी परिवारों को राहत मिलेगी, बल्कि यह समाज में देशसेवा और बलिदान की भावना को और मजबूती देगा। यह युवाओं को भी प्रेरित करेगा कि देश की रक्षा में योगदान देने वालों का सम्मान और संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।