कोचिंग सेंटर अब अपने संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों की फोटो मुफ्त में इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय अब कोचिंग सेंटरों पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। इसी सप्ताह ही मामले में नई गाइडलाइन जारी हो सकती है। अगर कोई कोचिंग सेंटर इन गाइडलाइन का पालन नहीं करेगा तो उसे अनुचित व्यापार की श्रेणी में माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में शीर्ष 10 में आने वाले छात्रों की तस्वीरों के विज्ञापन कोचिंग सेंटरों की ओर से लगभग सभी अखबारों में छपवाए जाते हैं। कोचिंग सेंटर ये दावा करते हैं कि टॉप करने वाले छात्र ने मेरे संस्थान से कोचिंग ली है। लेकिन संस्थानों का ये रवैया अधिक दिनों तक नहीं चलेगा। उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय अब इसे लेकर ताजा दिशानिर्देश जारी करेगा। अभी जब कोई छात्र किसी कोचिंग सेंटर में दाखिले के लिए पहुंचता है तो संस्थान उसके साथ पहले ही यह करार कर लेता है कि अगर उसकी अच्छी रैंकिंग आई तो वह उसकी तस्वीर का इस्तेमाल करेगा। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। अब कोचिंग सेंटर को छात्र की अच्छी रैंक आने के बाद उससे दोबारा अनुमति लेनी होगी। यह छात्र पर निर्भर करेगा कि वह सेंटर को अपनी तस्वीर का इस्तेमाल करने देगा या नहीं।