कैसे बचें गुर्दे की बीमारी से? क्या है इसका उपचार,आइए जानिए हमारे साथ!

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अकसर,गुर्दे की बीमारी का पता तब चलता है जब वह आखिरी स्टेज पर पहुंच जाता है। क्योंकि शुरुआत में इसका कोई लक्षण दिखाई नहीं देता इसलिए जब भी आपको थोडी़ सी भी परेशानी महसूस हो तो आप डाॅक्टर को जरु़र दिखाएं,इसे बिलकुल भी नजऱअंदाज ना करें।सामान्य रक्त और यूरिन टेस्ट से गुर्दाें की बीमारियों का पता चल जाता है।

आपको बता दें कि क्रोनिक किड़नी डिसी़ज से 96 प्रतिशत तक गुर्दे खराब हो जाते हैं,इससे बचने के लिए आप नियमित तौर पर व्यायाम करें और पोषक भोजन को अपने आहार में शामिल करें,साथ ही अपना वज़न ठीक रखें और शूगर की मात्रा को नियंत्रित रखने का प्रयास करें।

गुर्दाें की बीमारियों के दो प्रमुख कारण होते हैं, वह है उच्च रक्तदाब और डायबिटीज़। इनके कारण गुर्दाें की छोटी-छोटी रक्त नलियां क्षतिग्रस्त हो जाती है जिससे गुर्दाें को नुकसान पहुंचता है।साथ ही हृदयरोग और ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस जैसे रोगों से किडनियों में सूजन आ जाती है।

दरअसल, गुर्दाें की बीमारियों से पीड़ित सभी व्यक्तियों को डासलिसिस की आवश्यकता नहीं होती,आप चाहें तो प्रारंभिक स्तर पर ही इसे नियमित खान पान,दवाओं और व्यायाम से ठीक हो सकते हैं।

 रिर्पाट-कंचन शर्मा