पुनर्नवा एक औषधिय पौधा है…इस पौधे की खासियत है कि बारिश के मौसम में इसके मरे हुए पौधे वापस से जीवित हो जाते हैं, नई शाखाएं आ जाती है..इसी गुण के कारण इसका नाम पुनर्नवा पड़ा.. आयुर्वेद में पुनर्नवा का क्या महत्व हैं, चलिए जानते हैं.
1. Conjunctivitis – पुनर्नवा के पत्तों का जूस Conjunctivitis होने पर लोशन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है
2. मांसपेशियों के दर्द में- इसकी पत्तियों के जूस का सेवन खून साफ करता है साथ ही मांसपेशियों के दर्द में राहत पहुंचा सकता है..
3. Jaundice के लिए- इसकी सूखी पत्तियों का काढ़ा Jaundice के इलाज में फायदेमंद माना गया है..
4. भूख बढ़ाए- अगर भूख नहीं लगती तो पुनर्नवा के पौधे का अर्क लिया जा सकता है..इसे भूख बढ़ाने में मददगार माना जाता है
5. Urine infection- Urine infection के दर्द से बचने के लिए पुनर्नवा, अंगूर, अमलतास से तैयार औषधि को आयुर्वेद में काफी सहायक माना गया है
अच्छे परिणाम और सेहत के लिए ये जरुरी है कि पहले विशेषज्ञों की सलाह जरुर लें और देखते रहें…
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