श्रीराम हिंदू धर्म के प्रतीक हैं- बहुत कम लोग जानते हैं भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़ी ये रोचक बातें

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श्रीराम हिंदू धर्म के प्रतीक हैं. उनका जीवन और उनकी शिक्षाएं युगों-युगों तक मानवजाति का मार्गदर्शन करती रहेंगीं. भगवान राम हिंदुओं की आस्था के महान प्रतीक हैं.

भगवान राम अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे। ऐसा माना जाता है कि रामनवमी के दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था। रामायण की रचना सर्वप्रथम महर्षि वाल्मीकि ने की थी। उसके बाद से विभिन्न विभूतियों ने विभिन्न भाषाओं में रामायण की रचना की है, जिसमें तुलसीदास कृत रामचरितमानसराम सबसे प्रसिद्ध है। हिंदुओं के लिए अयोध्‍या और भगवान राम सबसे बड़े आस्‍था के केंद्र हैं।

                  आइए आपको बताते हैं भगवान राम से जुड़ी ये 10 खास बातें…
भगवान विष्णु के सातवें अवतार

को भगवान विष्णु के 10 अवतारों में 7वां अवतार माना जाता है। भगवान राम से पहले भगवान विष्णु ने मत्स्य (मछली), कूर्म (कछुआ), वराह (सूअर), नृसिंह (मनुष्य एवं सिंह), वामन (बौना) और परशुराम के रूप में जबकि बाद में कृष्ण, बुद्ध और कल्कि (अवतार होना बाकी) के रूप में अवतार लिया था।

सबसे पुराने मानवीय देवता

भगवान राम को मानव रूप में पूजे जाने वाले सबसे पुराने देवता के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था और ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग की समाप्ति आज से करीब 1,296,000 साल पहले हो चुकी है। त्रेता युग में भगवान विष्णु ने भगवान राम के अलावा वामन और परशुराम के रूप में भी अवतार लिया था।

भगवान राम भगवान सूर्य के वंशज

भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु ने की थी। इसी कारण भगवान राम को सूर्यवंशी भी कहा जाता है।

भगवान विष्णु का 394वां नाम

राम विष्णु सहस्रनाम नामक पुस्तक में भगवान विष्णु के एक हजार नामों की सूची दी गई है। इस सूची के अनुसार, राम भगवान विष्णु का 394वां नाम है।

भगवान राम का नामकरण

भगवान राम का नामकरण रघुवंशियों के गुरु महर्षि वशिष्ठ ने किया था। वशिष्ठ के अनुसार राम शब्द दो बीजाक्षरों अग्नि बीज और अमृत बीज से मिलकर बना है। ये अक्षर दिमाग, शरीर और आत्मा को
राम नाम का तीन बार उच्चारण

राम नाम का तीन बार उच्चारण हजारों देवताओं को स्मरण करने के समान है।

महाभारत में वर्णित है कि एक बार भगवान शिव ने कहा था कि राम का नाम तीन बार उच्चारण करने से हजार देवताओं के नामों का उच्चारण करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान शिव भी ध्यानावस्था में भगवान राम के नाम का ही उच्चारण करते हैं।

राम सेतु का निर्माण एवं लम्बाई

राम सेतु का निर्माण वानर सेना द्वारा किया गया था, जो तमिलनाडु के रामेश्वरम से शुरू होकर श्रीलंका के मन्नार तक बनाया गया था। इस पुल के मुख्य शिल्पी नल और नील थे। इस पुल की लंबाई आज की गणना के हिसाब से लगभग 30 किलोमीटर थी और इसे बनाने में 6 दिन का समय लगा था।

भगवान राम का अपहरण

रावण के भाई अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण किया था और महामाया देवी को बलि देने के लिए उन्हें पाताल लोक में ले गया था। लेकिन हनुमानजी ने अहिरावण को मारकर भगवान राम और लक्ष्मण को मुक्त कराया था।

भगवान राम का राज्यकाल

भगवान राम ने ग्यारह हजार वर्षों तक अयोध्या राज्य पर शासन किया था। इस स्वर्णिम काल को राम राज्य के रूप में जाना जाता है।

भगवान राम द्वारा समाधि लेना

ऐसा माना जाता है कि जब सीता ने पृथ्वी के अन्दर समाहित होकर अपने शरीर का परित्याग कर दिया तो उसके बाद राम ने सरयू नदी में जल समाधि लेकर पृथ्वीलोक का परित्याग किया था। भगवान राम ने सभी के लिए जीवन जीने हेतु सही रास्ते का आदर्श प्रस्तुत किया है।

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