इसलिए तेल चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं शनिदेव और हनुमान जी के भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं
शनिवार को शनिदेव की पूजा की जाती है। भक्त शनिदेव पर तेल चढ़ाकर पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करते हैं। शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह माने जाते हैं। शनिदेव को कलयुग में कर्मफल दाता और न्याय का देवता कहा जाता है। शनिदेव हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार उन्हें फल देते हैं और उन पर अपना आर्शीवाद बनाते हैं। हर शनिवार जो व्यक्ति शनिदेव पर तेल चढ़ाकर, ज्योत जलाकर उनकी पूजा करता है, शनि महाराज उनसे कभी रुष्ट नहीं होते और उन पर अपना आर्शीवाद हमेशा बनाये रखते हैं।
ये भी माना जाता है कि पूजा के समय शनिदेव की आंखों में कभी नहीं देखना चाहिए। कहा जाता है कि शनि देव की दृष्टि जिस पर भी पड़ती है, उसका बुरा टाइम शुरु हो जाता है। साथ ही शनिदेव पर तेल चढ़ाने की परम्परा भी बहुत पुरानी है। पौरणिक कथाओं के अनुसार शनिदेव पर तेल चढ़ाने की परम्परा हनुमान जी से जुड़ी है। कहा जाता है कि एक बार शनिदेव को अपनी शक्तियों पर घमंड हो गया था, वे खुद को सबसे शक्तिशाली समझने लगे थे। इसलिए शनिदेव हनुमान जी के पास चले गए और उनसे युद्ध करने की जिद्द करने लगे। हनुमान जी उस समय प्रभु श्री राम की भक्ति में लीन थे। उन्होंने शनिदेव को बहुत समझाया, पर वो नहीं माने।
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आखिरकार हनुमान जी और शनिदेव के बीच युद्ध हुआ। इस युद्ध में शनिदेव बुरी तरह से घायल हो गए, जिसके बाद हनुमान जी ने उन्हें तेल लगाया, जिससे उन्हें पीड़ा में आराम मिला। उस दिन के बाद से ही माना जाता है कि जो भी भक्त शनिदेव को तेल चढ़ायेगा, शनिदेव उससे प्रसन्न हो जायेगें। साथ ही उस दिन शनिदेव ने कहा था कि हनुमान जी के भी भक्तों पर उनकी कृपा बनी रहेगी। इसलिए हनुमान जी के भी भक्तों से भी शनिदेव हमेशा प्रसन्न रहते हैं।