रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को यूक्रेन की मदद के लिए चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर पश्चिमी देश रूस पर हमला करने के लिए यूक्रेन को अपने हथियारों का इस्तेमाल की इजाजत देता है तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।
पुतिन ने यह चेतावनी तब दी, जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि रूस जहां से यूक्रेन पर हमला कर रहा है, उन ठिकानों को नष्ट करने के लिए यूरोपीय देशों को यूक्रेन की मदद करनी चाहिए। पुतिन का यह बयान तब आया, जब नैटो के कुछ सदस्य और गठबंधन के प्रमुख जेंस स्टोलटेनबर्ग ने रूस की धरती पर हमला करने के लिए यूक्रेन को अपने हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो साल से ही ज्यादा समय से युद्ध जारी है। उज्बेकिस्तान में अपने दौरे के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा, इसका परिणाम गंभीर होगा।
उन्होंने आगे कहा, यूरोप के छोटे-छोटे देशों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वे किसके साथ खेल रहे हैं। दरअसल, कई यूरोपीय देशों में कम क्षेत्र में घनी आबादी रहती है। इस संदर्भ में पुतिन ने कहा, उन्हें यह कारक रूसी क्षेत्र में हमला करने से पहले ध्यान में रखना चाहिए। यह एक गंभीर बात है।
पुतिन ने आगे कहा कि भले ही हमला यूक्रेन ने किया, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार हथियारों की आपूर्ति करने वाले पश्चिमी देश होंगे। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि पश्चिमी सैन्य प्रशिक्षक पहले से ही यूक्रेन में गुप्त रूप से काम कर रहे हैं। यूक्रेन के शीर्ष कमांडर ने सोमवार को बताया कि देश में सैन्य प्रशिक्षक भेजने पर फ्रांस के साथ बातचीत की जा रही थी।
इस पर पुतिन ने कहा, हम वही करेंगे जो हमें ठीक लगेगा चाहे यूक्रेन के क्षेत्र में कोई भी हो। यरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख ने ब्रुसेल्स में यूपरोपीय संघ के रक्षा मंत्रियों के साथ बैठक के बाद कहा कि यूरोपीय देश यूक्रेन में सैन्य प्रशिक्षक भेजने के प्रस्ताव पर बंटा हुआ है। जर्मनी समेत कई देश इस कदम का विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर है कि उनका ये कदम रूस के साथ सीधे संघर्ष में बदल सकता है। बता दें कि यूरोपीय संघ के देशों ने 2022 में स्थापित एक ब्लॉक-वाइड मिशन के तहत यूक्रेन के बाहर 50.000 यूक्रेनी सैनिकों को प्रशिक्षित किया है।
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