कान्हा जी का व्रत कैसे करें, साथ ही जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कीजिए मुहूर्त के अनुसार आरती और मंत्र-जाप

सनातन धर्म में हम लोग मुहुर्त के अनुसार ही चलना पसंद करते हैं। चाहें विवाह हो या कोई त्यौहार हम अक्सर मुहूर्त के अनुसार ही पूजा-पाठ करते हैं। इसलिए आज श्रीकृष्ण जनमाष्टमी पर हम आपको व्रत खोलने का सही तरीका और पूजा-अर्चना करने का शुभ मुहुर्त बता देते हैं।

इस व्रत में ना खाएं ये चीजें

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के व्रत में वैसे तो आप पानी भी नहीं पी सकते, पर घर के बढ़े-बूढ़ों द्वारा इस व्रत में आपको चाय और पानी की छूट तो अक्तर मिल ही जाती है।

श्रीकृष्ण अष्टमी शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार आज कान्‍हा जी का 5247वां जन्मदिन है। इस बार भाद्र मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी की शुरुआत रविवार रात 12 बजे से ही हो चुकी है और ये सोमवार रात 1 बजे तक रहेगी। पूजा के लिए रात 11 से 12 बजे का समय ही शुभ है। आप रात को 12 बजे के बाद ही अपने व्रत खोलें।

कान्हा जी की पूजा विधि

आप सबसे पहले कान्हा जी के लिए एक आशन का इंतजाम करें। कान्हा जी के आशन पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और कान्हा जी की प्रतिमा स्थापित करें। अगर आप आज कृष्ण जी के साथ एक गाय और बछड़े की प्रतिमा भी मंदिर में रखेंगे तो काफी शुभ होगा। श्री कृष्ण को पंचामृत से और गंगाजल से स्नान कराएं और कान्हा जी को नए वस्त्र से सजाएं। इसके बाद उनके समक्ष घी का दीया जलाएं। साथ ही कान्हा जी का मनपंसद मोग माखन-मिश्री चढ़ाएं और अपना व्रत खोलने के लिए जो चूरमा आपने बनाया है, उसका भोग भी कान्हा जी को लगाएं और फिर मुहूर्त के अनुसार अपना व्रत खोल लीजिए।

श्रीकृष्ण जी की आरती

बाल कृष्ण की कीजै,

अपना जन्म सफल कर लीजै ॥

श्री यशोदा का परम दुलारा,

बाबा के अँखियन का तारा ।

गोपियन के प्राणन से प्यारा,

इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥

॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥

बलदाऊ के छोटे भैया,

कनुआ कहि कहि बोले मैया ।

परम मुदित मन लेत बलैया,

अपना सरबस इनको दीजै ॥

॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥

श्री राधावर कृष्ण कन्हैया,

ब्रज जन को नवनीत खवैया ।

देखत ही मन लेत चुरैया,

यह छवि नैनन में भरि लीजै ॥

॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥

तोतली बोलन मधुर सुहावै,

सखन संग खेलत सुख पावै ।

सोई सुक्ति जो इनको ध्यावे,

अब इनको अपना करि लीजै ॥

॥आरती बाल कृष्ण की कीजै…॥

आरती बाल कृष्ण की कीजै,

अपना जन्म सफल कर लीजै ॥