अमेरिकी नागरिक ने मांगी भारत में शरण

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सुप्रीम कोर्ट ने भारत में शरण मांग रहे अमेरिकी नागरिक क्लाउड डेविड की याचिका पर केंद्र सरकार से उसका पक्ष पूछा है। याचिकाकर्ता ने आध्यात्मिक गुरु श्री माता आनंदमयी का अनुयायी होने का दावा किया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि उसने पेट्रोलियम का विकल्प खोज लिया है और वह वापस अमेरिका नहीं जा सकता क्योंकि वहां उसे सताया जाएगा। उसका वीजा 13 मई, 2024 की मध्यरात्रि को समाप्त हो गया है।

जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) विक्रमजीत बनर्जी से केंद्र सरकार से निर्देश प्राप्त कर सूचित करने को कहा और मामले को 10 जून के लिए सूचीबद्ध कर दिया। पीठ ने कहा, प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि मामले को हाईकोर्ट में जाना चाहिए। यह एक व्यक्तिगत शिकायत है। यदि हम अनुच्छेद 32 के तहत इन याचिकाओं पर विचार करना शुरू कर देंगे तो इससे याचिकाओं की बाढ़ आ जाएगी। हम अभी मामले पर नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, हम इसे सोमवार को सूचीबद्ध करेंगे।

सुनवाई के दौरान जस्टिस कुमार ने पूछा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? इस पर व्यक्तिगत रूप से पेश हुए याचिकाकर्ता क्लाउड डेविड ने कहा, मैंने दो वकीलों से परामर्श किया है। उन्होंने मुझे बताया कि यह एक ऐसा दावा है जिसे अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लाया जाना चाहिए। पीठ ने पूछा, इसमें राष्ट्रीय महत्व क्या है, याचिकाकर्ता ने कहा, मुझे लगता है कि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है। यह मेरे वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद आपके अद्भुत देश में रहने के मेरे अधिकार को नकारता है। अमेरिका में सभी हिंदू उसी तरह के अभियोजन से खतरे में हैं, जिसका मैं सामना कर रहा हूं। इस पर जस्टिस कुमार ने कहा, चिंता मत कीजिए, सरकार दुनिया में कहीं और अपने नागरिकों की देखभाल करने के लिए पर्याप्त मजबूत है।

विदेश व गृह मंत्रालय में पहले ही दे चुके आवेदन…याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि वह विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के समक्ष आवेदन पहले ही दे चुके हैं। लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। वे तिरुवनंतपुरम में रह रहे हैं। जस्टिस कुमार ने कहा, आप 180 दिन पहले आए हैं। शुरू से ही आपका इरादा यहीं रहने का था। याचिकाकर्ता ने कहा, यह सच नहीं है।