जानिए क्या है ट्रिप्टोफैन, जो तनाव दूर करने से लेकर अच्छी नींद देने तक में हो सकता है मददगार

8

सोने से पहले हाथ-मुंह धोना, ध्यान करना, कमरे का वातावरण सही रखना, अच्छी नींद पाने के कई तरीके हो सकते है। मगर हर बार बाहरी बदलाव से आप स्लीपिंग पैटर्न को नहीं सुधार सकते हैं। कभी-कभी आपको अपने अंदर बदलाव करने की जरूरत होती है। जबकि निश्चित रूप से इसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन सही सप्लीमेंट रात की स्वस्थ आदतों के साथ जोड़े जाने पर उच्च गुणवत्ता वाली नींद का समर्थन कर सकता है। कई पोषक तत्व अच्छी नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देते हैं और आपके मूड का समर्थन करते हैं। आज हम ऐसे ही एक खास पोषक तत्व के बारे में बता रहें है..

ट्रिप्टोफैन किस प्रकार बेहतर नींद के लिए जिम्मेदार

ट्रिप्टोफैन एक आवश्यक अमीनो एसिड है, शरीर के लिए आवश्यक है। इसकी मौजूदगी वयस्कों में नाइट्रोजन संतुलन और शिशुओं में नाइट्रोजन वृद्धि का कार्य करती है। साथ ही इसका उपयोग नियासिन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। जो न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन बनाने में हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक माना जाता है। ट्रिप्टोफैन दो तरह के होते हैं। एल-ट्रिप्टोफैन और डी-ट्रिप्टोफैन। हमारा शरीर ट्रिप्टोफैन का उत्पादन नहीं कर सकता है। ऐसे में शरीर में इसकी पूर्ति खाद्य पदार्थों और अन्य सप्लीमेंट्स के माध्यम से की जाती है। यह अमीनो एसिड आपके मूड को बेहतर करने के साथ-साथ नींद और भूख के सर्कल को भी नियंत्रित करता है।

ह्यूमन ब्रेन ट्रिप्टोफैन का यूज़ करके पीनियल ग्लैंड एक हॉर्मोन सिंथेसिस करती हैं जिसे मेलाटोनिन कहते हैं यहीं हॉर्मोन हमारा बॉडी में टेम्प्रेचर,नींद जैसी चीजें संतुलित करता है। जैसे – जैसे सांयकाल आता हैं बॉडी में मेलाटोनिन की मात्रा बढ़ने लगती हैं जिससे हमें नींद आने लगती हैं और जैसे-जैसे सुबह होती शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन की की मात्रा घटने लगती जिससे सुबह हमारी आँख खुल जाती हैं। जिन व्यक्तियों में मेलाटोनिन की मात्रा प्रचुर होती हैं उनकों ज्यादा नींद आती हैं जिनमें इसकी मात्रा कम पाई जाती है उनकों कम नींद आती है और उम्र दर उम्र लोगों में यह वैरी करता है। जो छः साल से कम उम्र के बच्चे हैं उन्हें काफी नींद आती है क्योंकि उनमें मेलाटोनिन की मात्रा अधिक पाई जाती है और जो बुजुर्ग है उनकों अच्छी नींद के लिए जूझना पड़ता है इसका कारण हैं उनके शरीर में मेलाटोनिन हॉर्मोन की कमी। यहाँ तक कि जो डॉक्टर्स स्लीपिंग पिल्स देते हैं उसमें मेलाटोनिन पाया जाता हैं।

शरीर में ट्रिप्टोफैन की मात्रा कैसे बढ़ाये

यदि आप ट्रिप्टोफैन को प्रचुर मात्रा में पाना चाहतें है तो आप इनकों कुछ फलों जैसे कीवी, पपीता, अंजीर, नाशपाती और सेब सब्जियों और डेरी प्रोडक्ट्स में पा सकते हैं।

मेलाटोनिन शरीर में बनने वाला एक हार्मोन है जिसका उपयोग आमतौर पर सप्लीमेंट के रूप में किया जाता है। इसका मुख्य कारण सोने और जागने का समय बताना है। यह सीजनल डेप्रेशन, इन्सोमनीया और जैट लेग जैसी समस्याओं में लाभकारी है। ब्रेस्ट फीडिंग और प्रग्नेंट महिंलाओं के लिए लिए यह सुरक्षित नहीं हैं यहीं नहीं कुछ लोगों को इसके सेवन से उलटी,सिरदर्द जैसी समस्या होती हैं। इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर् की सलाह लेना जरुरी हैं।