लखनऊ में अटल स्वास्थ्य मेला शुभारंभ में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा तीन दशक तक प्रयास हुआ कि महिलाओं को न्याय दिया जाए, पर कोई यह कार्य संभव नहीं कर पाया। आपके प्रांत के सांसद, देश के ओजस्वी प्रधानमंत्री ने यह कार्य सर्वसम्मति से करके दिखाया! देश की 50% आबादी को अब लोकसभा और विधानसभाओ में एक तिहाई प्रतिनिधित्व मिलेगा। यह बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम है, सामाजिक न्याय का प्रतीक है!
अटल जी बहुत याद आते हैं! उनकी याद बहुत-बहुत आती है, आज वे होते तो वह देख पाते कि उनका भारत दुनिया के शिखर पर जा रहा है! तीव्र गति से जा रहा है!!
हमारी अर्थव्यवस्था ने कनाडा को पीछे छोड़ा है, इंग्लैंड को पीछे छोड़ा है, फ्रांस को पीछे छोड़ा है! आज हम दुनिया की पांचवी महाशक्ति है अर्थव्यवस्था में! आने वाले चार-पांच सालों में जापान और जर्मनी भी हमारे पीछे होंगे, और हमारा भारत दुनिया की तीसरी बड़ी महाशक्ति होने जा रहा है!!
आप में कितनी भी प्रतिभा हो, कितनी भी योग्यता हो, कितना ही कौशल हो, आपका शरीर अगर स्वस्थ नहीं है तो आप कुछ नहीं कर पाएंगे, और आप असहाय हो जाएंगे। हमारे वेद और शास्त्रों में स्वास्थ्य की ओर बहुत बड़ा ध्यान दिया गया है।
आपको खुश रहना है, सुखी रहना है, प्रतिभा को जन-कल्याण के लिए काम में लेना है, आपके पास एक ही विकल्प है – आप स्वस्थ रहिए! स्वस्थ रहेंगे तो आपका जीवन सार्थक रहेगा!!
कहावत कही गई है-
पहला सुख निरोगी काया,
दूजा सुख घर में माया!
माया से ऊपर ‘निरोगी काया’ को रखा गया है, कि उस माया का भी आनंद नहीं ले पाओगे, यदि आपकी काया निरोगी नहीं होगी तो!!
आज की जो शासन व्यवस्था है, उसकी प्राथमिकता आपका स्वास्थ्य रहा है। याद करो वह दिन जब भारत के ओजस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लाल किले से घोषणा की कि स्वच्छता अभियान होना चाहिए। खुद दिल्ली में एक जगह जाकर झाड़ू लेकर इसकी शुरुआत की लोगों को पहले अजीब सा लगा। आज के दिन वह कितना बड़ा आंदोलन बन गया है, हमारे जीवन में कितना सकारात्मक बदलाव आया है।
हमारे ओजस्वी प्रधानमंत्री जी ने देखा कि उपचार की वजह से सामान्य मानव का जीवन खतरे में पड़ जाता है, उसकी आर्थिक स्थिति चरमरा जाती है, तो आयुष्मान भारत कार्यक्रम चालू किया गया। यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है!
हर घर में शौचालय की जो सोच है, यह हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है, हमारे परिवार की dignity से जुड़ी हुई है, विशेषकर हमारी माता और बहनों की। अटल जी आज होते तो उन्हें बहुत भारी खुशी मिलती
वह जमाना था जब अटल जी कहते थे, ‘इस देश में दो विधान, दो निशान दो, दो प्रधान नहीं चलेंगे’ आज जो जमीनी हकीकत हम देख रहे हैं, उनका मन अत्यंत प्रसन्न होता, इसमें कोई दो राय नहीं है।
स्वास्थ्य की चपेट में हमारी माताएं- बहनें आती थीं। जब वह घर में जाती थी, खाना बनाती थीं, किलोमीटर चल-चलकर पानी लाती थीं। इन दोनों समस्याओं का निदान हो रहा है,
पहला- हर घर नल, नल में स्वच्छ जल!
दूसरा – उज्ज्वला योजना द्वारा करोड़ो महिलाओं को गैस कनेक्शन!
आपका स्वास्थ्य तभी ठीक रहेगा जब आपकी शासन व्यवस्था ठीक रहेगी। शासन व्यवस्था अगर ठीक नहीं है, कानून व्यवस्था कमजोर है, पारदर्शिता उसमें नहीं है, शुचिता नहीं है, तो स्वास्थ्य पर बड़ा भारी कुप्रभाव पड़ता है।
मैं किसान पुत्र हूं, किसान की समस्या जानता हूं… और मेरा सीना फूल जाता है जब मैं देखता हूं कि किसान का स्वास्थ्य कितना मजबूत है! साल में तीन बार, 11 करोड़ किसानों को, दिल्ली से सीधा धन मिलता है, जो आज ढाई लाख करोड़ से ज्यादा का है। यह मेरे लिए गर्व का मौका है कि जिस परिवार से मैं आया हूं, जिस वर्ग से मैं आया हूं, वह वर्ग तकनीकी रूप से इतना सशक्त है, कि वह पैसा सीधा प्राप्त करने की हालत में है। यह बहुत बड़ा बदलाव है!!
स्वास्थ्य पर सबसे बड़ा कुठाराघात अगर कोई करता है, तो भ्रष्टाचार करता है। भ्रष्टाचार की वजह से सामान्य व्यक्ति का काम जब रुकता है, भ्रष्टाचारी को वह संतुष्ट नहीं कर पाता, उसके दिमाग में एक भूकंप आ जाता है, वह बेचैन हो जाता है, वह बीमारी की ओर अग्रसर हो जाता है। आज के दिन सरकारी तंत्र से भ्रष्टाचार जड़ से मिट गया है। आज के दिन भ्रष्टाचारी पकड़ा जाता है, तो कानून का शिकंजा उसे पर पहुंचता है। लोगों के मन में बड़ी पीड़ा होती थी ना कि हम इस महान देश के नागरिक हैं, पर कुछ लोग कानून से ऊपर क्यों हैं? अब कानून में समानता आ गई है, कोई किसी परिवार का हो, कितना भी बड़ा हो, कानून का उल्लंघन किया है तो कानून का शिकंजा उसके गले तक पहुंचता है। यह आज की हकीकत है, और यह भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
लोगों के मन में बड़ी पीड़ा होती थी कि हम इस महान देश के नागरिक हैं, पर कुछ नागरिक कानून से ऊपर क्यों हैं?
अब कानून में समानता आ गई है! कोई किसी परिवार का हो, कितना भी बड़ा हो, कानून का उल्लंघन किया है, तो कानून का शिकंजा उसके गले तक पहुंचता है, यह आज की हकीकत है।
समाज स्वस्थ तभी रह सकता है जब समाज में व्यवस्था स्वस्थ हो, पारदर्शी हो, उसमें उत्तरदायित्व हो, सबको समान अवसर मिले, और इस दिशा में हम अग्रसर हो रहे हैं
अटल जी की जो भावनाएं थीं, अटल जी की जो आकांक्षाएं थीं, अटल जी के जो मन में था, चाहे वह अनुच्छेद 370 को खत्म करना हो या और कुछ, यह सब कुछ आपके वाराणसी के सांसद, भारत के ओजस्वी प्रधानमंत्री, दुनिया के शीर्ष पर आने वाले नेता, नरेंद्र मोदी ने साबित किया है! मुझे इतनी प्रसन्नता होती है, जब दुनिया के नेता मुझे मिलते हैं, और भारत के प्रधानमंत्री जी की इतनी कद्र करते हैं।
आज भारत किसी देश के दृष्टिकोण का मोहताज नहीं है। भारत का दुनिया के बारे में खुद का विवेकपूर्ण निर्णय है। आज भारत दुनिया को दिशा दिख रहा है। मुझे दुनिया के नेताओं ने कहा कि आपके प्रधानमंत्री मोदी जी ने G20 के आयोजन को उस स्तर के ऊपर ले गए हैं, कि शायद ही कोई देश वहां तक ले जा पाएगा। आपके यहां G20 का कार्यक्रम हुआ, देश के 60 स्थानों पर हुआ, 200 बैठकें हुईं।
मैं आपको यही कहना चाहता हूं कि यदि अगर हमें हमारी पुरानी सभ्यता का आदर करना है, हम ज्ञान के भंडार हैं या स्वास्थ्य के मामले में ले लीजिए हमारे वेदों में जो कहां गया है, पर हम भटक गए हैं। स्वास्थ्य के मामले में हमने अंग्रेजी को अपना लिया, मेरे देश का सौभाग्य है कि वर्तमान सरकार ने, आयुष मंत्रालय का गठन किया हमारी पुरानी पद्धति को अपनाया, हमारी पुरानी पद्धति कितनी कारगर हुई है, यह COVID ने दिखा दिया।
आज के भारत ने कुछ कमाल का किया है, इसीलिए मैं स्वास्थ्य पर जोर दे रहा हूं। आप स्वस्थ रहिए और पराकाष्ठा बढ़ाइए। चंद्रयान-3 दुनिया का कोई भी देश चांद के साउथ पोल पर नहीं जा पाया, लेकिन भारत का चंद्रयान-3 गया और दूरदर्शिता दिखाई गई। वहां अब दो पॉइंट है – तिरंगा और शिव शक्ति पॉइंट। आप सबसे मैं कहूंगा, विशेषकर नवयुवकों से, हताश मत होइए। कभी भी तनाव में नहीं रहें। कोई भी नया काम करने से डरिए मत, विफलता से बिल्कुल मत डरिए। बिना विफलता हुए बहुत कुछ ज्यादा हासिल होता नहीं है। जिसको आप विफलता कहते हैं, वह आपका एक सार्थक प्रयास है।
भारत का अमृतकाल हमारे नवयुवकों के लिए गौरवकाल है।
आपको इतने अवसर प्रदान है, कि आप अपनी प्रतिभा को चाहे जैसे दिखा सके।
एक बात का ध्यान रखिए कि स्वस्थ रहिए, स्वास्थ्य के बारे में लापरवाही मत कीजिए।
खुद भी स्वस्थ रहिए और औरों को भी स्वस्थ करिए।
प्रधानमंत्री जी की तो सोच इतना बड़ी है पूरी दुनिया कृतज्ञ है उनके लिए इस बारे में, कि संयुक्त राष्ट्र में जाकर भारत के प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि भारत की जो योग व्यवस्था है, हम उसे दुनिया को देना चाहते हैं, आप उसको अडॉप्ट कीजिए।
कम से कम समय में, दुनिया के ज्यादा से ज्यादा देशों ने योग को अपनाया और माना की स्वास्थ्य के लिए योग महत्वपूर्ण है।
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मुझे सिर्फ आज यही कहना है, स्वस्थ रहिए हर परिस्थिति में, अपने देश को ऊपर रखिए, “Always Nation First” यह एकमात्र रास्ता है। हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम इस महान देश, भारत के नागरिक हैं। हमें हमारी उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए, और जो कुछ लोग जिनका हाजमा देश के विकास के लिए कमजोर है, उनको थोड़ा रास्ता दिखाइए। आप सब में ताकत है, इस देश में हम किसी भी तरीके से देश विरोधी ताकतों को आगे नहीं बढ़ने दे सकते, देश विरोधी विचारों को आगे नहीं बढ़ने दे सकते। जो हमारी प्रगति को अंकुश लगाते हैं, उस विचार को चाणक्य नीति को ध्यान में रखकर प्रतिघात और कुठाराघात करना है, और अमृत काल में हमें वह नींव डालनी है कि 25 साल बाद, 2047 में, जब भारत आजादी की शताब्दी मनाए, हम दुनिया के शिखर पर रहें।