2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की इन परियोजनाओं का अनावरण किया!

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1. माननीय प्रधानमंत्री ने 23 फरवरी, 2024 को वाराणसी में हरित जलमार्ग पहल का उद्घाटन किया, दो हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामरन जहाज राष्ट्र को समर्पित किए गए। अयोध्या में सरयू नदी और वाराणसी में गंगा नदी पर परिचालन के लिए डिज़ाइन किए गए ये जहाज टिकाऊ परिवहन समाधानों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। फास्ट-चार्जिंग बैटरियों द्वारा संचालित, उनका लक्ष्य धार्मिक पर्यटन का समर्थन करते हुए कार्बन उत्सर्जन को महत्वपूर्ण रूप से कम करना है।

2. माननीय प्रधानमंत्री ने मंत्रालय की इन परियोजनाओं का अनावरण किया,

28 फरवरी, 2024 को तूतीकोरिन में 10,324 करोड़ रुपए की विविध परियोजनाओं का अनावरण किया गया। मुख्य आकर्षण में निम्नलिखित शामिल हैं:
वीओसी पोर्ट पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल परियोजना। यह पूर्वी तट पर ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में स्थापित कर रही है, जिसका लंबे समय से इंतजार था।
’75 लाइटहाउसों पर पर्यटन सुविधाओं’ के विकास का समर्पण।
सीएसएल द्वारा निर्मित भारत के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल जहाज को हरी झंडी दिखाई
वीओसी पोर्ट को भारत के पहले हाइड्रोजन हब पोर्ट के रूप में प्रदर्शित किया गया।

माननीय प्रधानमंत्री ने 1 मार्च, 2024 को “विकसित भारत” के तत्वावधान में एसएमपी, कोलकाता में 960 करोड़ रुपए से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें शामिल हैं :
ज्वलनशील तरल कार्गो के सुरक्षित संचालन के लिए हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स में तेल जेटियों के लिए अत्याधुनिक सेंसर तकनीक से युक्त स्वचालित अग्नि दमन प्रणाली का उद्घाटन।
हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स में रेल माउंटेड क्वे क्रेन का उद्घाटन, जो 40 टन वजन उठाने में सक्षम है, इससे बंदरगाह की हैंडलिंग क्षमता सालाना 2.5 लाख टन तक बढ़ जाएगी।
कोलकाता डॉक सिस्टम के तहत नेताजी सुभाष डॉक पर बर्थ 7 और 8 के कंटेनर हैंडलिंग, संवर्धन और मशीनीकरण के लिए समर्पित परियोजना की आधारशिला रखी।

3. भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क समझौते (आईजीएफए) को पूर्वव्यापी मंजूरी दी, जिस पर भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) के सशक्तिकरण और संचालन के लिए सहयोग पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। आईजीएफए का लक्ष्य बंदरगाह, समुद्री और रसद क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है।

4. विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (एलपीआई) रिपोर्ट – 2023 अप्रैल 2023 में जारी की गई

भारत अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट श्रेणी में 22वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि 2014 में यह 44वें स्थान पर था।
कंटेनर ड्वेल का औसत समय केवल 3 दिन के स्तर पर पहुंच गया है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के लिए यह 4 दिन, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए 7 दिन और जर्मनी के लिए 10 दिन है।
भारतीय बंदरगाहों का “टर्न अराउंड टाइम” 0.9 दिन तक पहुंच गया है जो संयुक्त राज्य अमेरिका (1.5 दिन), ऑस्ट्रेलिया (1.7 दिन), सिंगापुर (1.0 दिन) आदि से बेहतर है।

5. भारत द्विवार्षिक 2024-25 के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद के लिए सर्वोच्च वोट के साथ फिर निर्वाचित हुआ

भारत को ‘अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे बड़ी रुचि’ वाले 10 सदस्य देशों की श्रेणी में अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ), लंदन की परिषद में फिर से चुना गया है। चुनाव के दौरान डाले गए 163 वैध वोटों में से भारत को 157 वोट मिले, जो निर्वाचित सभी देशों में सबसे अधिक है। परिषद के चुनाव 01.12.2023 को गुप्त मतदान द्वारा लंदन में आईएमओ असेंबली के 33वें सत्र के दौरान आयोजित किए गए थे। परिषद का कार्यकाल द्विवार्षिक 2024-25 के लिए होगा।

6. 19वीं समुद्री राज्य विकास परिषद

समुद्री राज्य विकास परिषद (एमएसडीसी) की 20वीं बैठक 12 और 13 सितंबर, 2024 को गोवा में माननीय पीएसडब्ल्यू मंत्री की अध्यक्षता में हुई। यह मंत्री/आधिकारिक स्तर पर समुद्री राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की भागीदारी के साथ आयोजित की गई। बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों के 100 से अधिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया और उनका सफलतापूर्वक समाधान किया गया। कई नई और उभरती चुनौतियों का भी समाधान किया गया, जिनमें संकट में फंसे जहाजों के लिए शरणस्थलों (पीओआर) की स्थापना, सुरक्षा बढ़ाने के लिए बंदरगाहों पर रेडियोधर्मी जांच उपकरण (आरडीई) के बुनियादी ढांचे का विकास और नाविकों को महत्वपूर्ण मानकर उनकी सुविधा प्रदान करना, आवश्यक कर्मचारी, बेहतर कामकाजी परिस्थितियाँ और तट पर छुट्टी तक पहुँच सुनिश्चित करना शामिल है।

7. वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के दौरान समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के दौरान गुजरात के मुख्‍यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और श्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में 30,000+ करोड़ रुपए के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

8. 26.01.2024 को 75वें गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान, बंदरगाह,

जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने अपनी झांकी का अनावरण किया, जो दूरदर्शी सागरमाला कार्यक्रम का दृश्य प्रतिनिधित्व था। यह माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप बंदरगाह के नेतृत्व वाले विकास को उत्प्रेरित करता है। इस प्रमुख कार्यक्रम ने टर्नअराउंड समय को काफी कम कर दिया है और बंदरगाहों पर कार्गो हैंडलिंग दक्षता में वृद्धि की है। लैंगिक समावेशिता के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए, झांकी के सामने वाले हिस्से में पिछले 9 वर्षों में महिला नाविकों की संख्या में उल्लेखनीय 1100% की वृद्धि को दर्शाया गया। यह “सागर सम्मान” पहल का केंद्रीय विषय “नारी शक्ति नीली अर्थव्यवस्था चला रही है” का प्रतीक है।

9. शैक्षणिक अनुसंधान और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स विकास को बढ़ावा देने, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आईआईएम शिलांग में गति शक्ति रिसर्च चेयर की स्थापना 23.02.2024 को की गई।

10. बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में VibhaS और नाविक (NAVIC) कार्यात्मक प्रकोष्‍ठों का गठन:

विकसित भारत की दिशा में काम करने के लिए समुद्री भारत विजन 2030 (एमआईवी 2030) और समुद्री अमृत काल विजन 2047 (एमएकेवी 2047) में सूचीबद्ध मंत्रालय के व्यापक उद्देश्यों की प्रभावी निगरानी और कार्यान्वयन के लिए थीम आधारित केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता की पहचान करते हुए, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने कुल 20 से अधिक विकसित भारत संकल्प (ViBhaS) प्रकोष्ठों और नील अर्थ विजन कार्यान्वयन प्रकोष्ठों (NAVIC) का गठन किया। ये प्रकोष्ठ यातायात-कार्गो, परियोजना योजनाएं और पीपीपी, जहाज निर्माण-मरम्मत-पुनर्चक्रण, समुद्री वित्त, प्रौद्योगिकी, कानूनी, मानव संसाधन, आदि,जैसे प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हैं। इनका दो-स्तरीय ढांचा है जिसमें ViBhaS सदस्य मुख्य रूप से समीक्षा, निगरानी और समन्वय के लिए मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं जबकि NAVIC सदस्य बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के तहत विभिन्‍न संगठनों से होते हैं और ये कार्यान्‍वयन पर केंद्रित होते हैं।

11. सरकारी ई-मार्केट प्लेस (जीईएम):

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, इस मंत्रालय के संगठनों द्वारा जीईएम पोर्टल के माध्यम से कुल खरीद लगभग 2754.13 करोड़ रुपए रही है, जबकि लक्षित राशि 1624.14 करोड़ रुपए थी, यानी उपलब्धि लक्ष्य से 170% अधिक रही। जब इसकी तुलना 2022-23 के दौरान 577 करोड़ रुपए की खरीद से की जाती है, तो वृद्धि 377% होती है।

12. नई पहल: राज्य समुद्री और जलमार्ग परिवहन समितियां

समुद्री/जलमार्ग क्षेत्र में विभिन्न पहलों और योजनाओं के कार्यान्वयन में समन्वय के लिए, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य समुद्री और जलमार्ग परिवहन समितियाँ (SMWTCs) गठित की हैं। 12 राज्यों अर्थात् आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में SMWTCs का गठन किया गया है, शेष 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में SMWTCs का गठन चल रहा है और अनुमोदन के विभिन्न चरणों में है।

13. तूतीकोरिन इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (TICT)

TICT को माननीय PSW मंत्री ने 16 सितंबर, 2024 को वी.ओ. चिदंबरनार पोर्ट अथॉरिटी (VoCPA) में राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने प्रमुख इंफ्रा परियोजनाओं का उद्घाटन किया और साथ ही कई पहलों की आधारशिला रखी और TICT से पहले कंटेनर वेसल को हरी झंडी दिखाई। टर्मिनल को 434 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से विकसित किया गया है, जिसकी सालाना 6 लाख TEUs को संभालने की क्षमता है। माननीय प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश के माध्यम से TICT के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।

14. क्रूज़ भारत मिशन

माननीय पीएसडब्ल्यू मंत्री ने 30 सितंबर, 2024 को मुंबई पोर्ट अथॉरिटी से ‘क्रूज़ भारत मिशन’ की शुरुआत की। इस मिशन का उद्देश्य देश में क्रूज पर्यटन की जबरदस्त संभावनाओं को बढ़ावा देना है। यह परिकल्पना की गई है कि इस मिशन के तहत गतिविधियाँ पाँच वर्षों के भीतर यानी 2029 तक क्रूज यात्री यातायात को दोगुना करके देश के क्रूज पर्यटन उद्योग को आगे बढ़ाएंगी।

15. बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की नई ब्रांड एंबेसडर

17 सितंबर, 2024 को माननीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग – पीएसडब्ल्यू मंत्री ने घोषणा की कि पेरिस में 2024 में आयोजित ग्रीष्मकालीन ओलिम्पिक में शूटिंग में दो ओलिम्पिक पदक जीतने वाली सुश्री मनु भाकर को मंत्रालय का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है। शूटिंग की यह दिग्गज खिलाड़ी मरीन इंजीनियर की बेटी हैं।

16. उत्पादकता से जुड़े पुरस्कार (पीएलआर) योजना

कैबिनेट ने दिनांक 03.10.2024 की बैठक में वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक पीएलआर के भुगतान के लिए प्रमुख बंदरगाह और डॉक कर्मचारियों के लिए नई पीएलआर योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी। सरकार के इस निर्णय से 20,000 से अधिक प्रमुख बंदरगाह अधिकारियों और कर्मचारियों को लाभ हुआ है।

17. एनएमएचसी परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 09.10.2024 को गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास को मंजूरी दी। एनएमएचसी (राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर) परियोजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास, विरासत और समुद्री शक्ति के रूप में इसकी रणनीतिक स्थिति को समर्पित विश्व स्तरीय समुद्री संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र बनाना है। यह परियोजना गुजरात के लोथल में स्थापित की जाएगी, जिसका ऐतिहासिक महत्व है और जो हड़प्पा युग का संपन्न बंदरगाह था।

18. पहला भारत समुद्री विरासत सम्मेलन – 2024

बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने 11-12 दिसंबर, 2024 को देश का पहला भारत समुद्री विरासत सम्मेलन-2024 (IMHC-2024) आयोजित किया। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में भारत की शानदार समुद्री विरासत और वैश्विक व्यापार, संस्कृति और नवाचार में इसके गहन योगदान का उत्‍सव मनाया गया। भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में दुनिया भर के मंत्री, विशेषज्ञ और गणमान्य व्यक्ति एक मंच पर आए। वे संवाद और सहयोग के लिए जीवंत मंच के रूप में काम कर रहे थे। इसमें भारत की स्थायी समुद्री विरासत और वैश्विक समुद्री कथा को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि की गई।

19. गैलेथिया खाड़ी, ग्रेट निकोबार द्वीप में अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट (आईसीटीपी)

गैलेथिया खाड़ी, ग्रेट निकोबार द्वीप में मेगा ट्रांसशिपमेंट पोर्ट के विकास की परिकल्पना भारतीय पूर्वी तट, बांग्लादेश और म्यांमा के बंदरगाहों से ट्रांसशिपमेंट कार्गो को लेने के लिए की गई है, जिससे इस क्षेत्र की कार्गो हैंडलिंग क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। बंदरगाह का लक्ष्य 2028 तक 4 MTEU और 2058 तक 16 MTEU को संभालना है। इस परियोजना को चार चरणों में विकसित किया जाएगा, जिसकी कुल अनुमानित लागत 43,796 करोड़ रुपए है। यह परियोजना निर्माण चरण के दौरान 3,500 श्रमिकों के लिए रोजगार उपलब्‍ध कराएगी और चालू होने पर इससे 1,700 प्रत्यक्ष रोजगार और 350 अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेंगे। इस परियोजना को 77वें नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप में भी शामिल किया गया है और इसे भारत में प्रमुख बंदरगाह के रूप में अधिसूचित किया गया है।

B. बंदरगाह

1. बंदरगाहों का प्रदर्शन

पिछले दशक में प्रमुख बंदरगाहों पर कार्गो हैंडलिंग क्षमता दोगुनी हो गई है (मार्च 2024 तक 1,630 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) तक पहुँच गई, जबकि 2014 में यह 800.5 MTPA थी)। वर्तमान में भारतीय बंदरगाहों (प्रमुख बंदरगाहों और प्रमुख बंदरगाहों के अलावा) पर कार्गो हैंडलिंग क्षमता 2690 MMTPA है। मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 और अमृत कल विजन 2047 में इसे 2030 तक 3,500 MMTPA और 2047 तक 10000 MTPA तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।

चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-नवंबर 2024) में, भारतीय प्रमुख बंदरगाहों ने लगभग 549.47 मिलियन टन कार्गो का संचालन किया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 535.61 मिलियन टन कार्गो का संचालन हुआ था, यानी इसमें 2.59% की वृद्धि हुई।

अब तक 32,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली 98 बंदरगाह आधुनिकीकरण परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिससे बंदरगाह की वार्षिक क्षमता में 230 मीट्रिक टन से अधिक की वृद्धि हुई है।

दक्षता के संदर्भ में, देश के प्रमुख बंदरगाहों में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिसे विश्व स्तर पर मान्यता मिली है।

2023 में प्रकाशित विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स परफॉरमेंस इंडेक्स (एलपीआई) रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2023 में 139 देशों में से 38वां स्थान हासिल किया है, जो 2018 में 44वें और 2014 में 54वें स्थान पर था।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने बंदरगाहों पर लगभग 2.6 दिनों का कम औसत ठहराव समय हासिल किया है, जो कई विकसित देशों की तुलना में प्रतिस्पर्धी है।
प्रमुख बंदरगाहों का टर्न अराउंड टाइम (आईआरटी) वित्त वर्ष 2013-14 में लगभग 94 घंटे से घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में केवल 48.06 घंटे रह गया है। वित्त वर्ष 2014-15 की तुलना में औसत जहाज बर्थ-डे आउटपुट और कार्गो हैंडलिंग क्षमता में क्रमशः 52% और 87% का सुधार हुआ है।
भारत में प्रमुख बंदरगाहों में दो अंकों की वार्षिक वृद्धि देखी जा रही है और हाल ही में विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट श्रेणी में 44वें स्थान से 2023 में 22वें स्थान पर पहुंच गया है। शिपमेंट डिलीवरी की समयबद्धता में, देश ने 2018 में 52 से 2023 में 35 तक की रैंकिंग में 17 स्थान की छलांग लगाई है।

2. महाराष्ट्र में दहानू के पास वधावन में प्रमुख बंदरगाह

भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 30.08.2024 को वधावन बंदरगाह के लिए शिलान्यास किया। यह भारत के समुद्री और बंदरगाह अवसंरचना विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। 76,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना बंदरगाह अवसंरचना में सुधार, रसद दक्षता बढ़ाने और विशेष रूप से भारत के पश्चिमी क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों का हिस्सा है।

3. सागर आँकलन दिशानिर्देश

16 फरवरी, 2024 को पेश किए गए “सागर आंकलन” दिशा-निर्देशों का उद्देश्य भारतीय बंदरगाहों के प्रदर्शन को मापना और सुधारना है। ये दिशा-निर्देश लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ावा देने, वैश्विक मानकों के साथ तालमेल बिठाने और बंदरगाह क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता और ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने के लिए तैयार किए गए हैं।

4. शाहिद बेहेश्टी पोर्ट टर्मिनल, चाबहार के विकास के लिए दीर्घकालिक मुख्य अनुबंध

शाहिद बेहेश्टी पोर्ट टर्मिनल, चाबहार के विकास के लिए दीर्घकालिक मुख्य अनुबंध, काफी वर्षों से लंबित था, इस पर 13 मई, 2024 को भारत पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन (पीएमओ) के बीच केंद्रीय जल शक्ति और आयुष मंत्री की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। मंत्रिस्तरीय यात्रा और दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेंगे और अफगानिस्तान और व्यापक मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के लिए प्रवेश द्वार के रूप में चाबहार के महत्व को उजागर करेंगे। चाबहार बंदरगाह परियोजना का विकास भारत-ईरान की प्रमुख परियोजना है और अनुबंध पर हस्ताक्षर मध्य एशिया के लिए अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) को खोलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

5. विश्व बैंक की सीपीपीआई 2023 रिपोर्ट

विश्व बैंक और एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस द्वारा विकसित सीपीपीआई 2023 कंटेनर जहाजों को प्राप्त करने और संभालने में बंदरगाहों की परिचालन दक्षता का मूल्यांकन करता है। सीपीपीआई 2023 के नवीनतम संस्करण में भारत के 10 बंदरगाहों ने पहली बार वैश्विक शीर्ष 100 में जगह बनाई। शीर्ष 100 में स्थान पाने वाले प्रमुख बंदरगाह विशाखापत्तनम (19), कामराजर (47), कोचीन (63), चेन्नई (80) और जवाहरलाल नेहरू (96) हैं। विशाखापत्तनम पोर्ट अथॉरिटी (VPA) ने शीर्ष 20 रैंकिंग में स्थान हासिल करके महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। विशाखापत्तनम पोर्ट ने भारत के अन्य सभी बंदरगाहों को पीछे छोड़ दिया और 2022 में 122वें स्थान से चढ़कर 19वें स्थान पर पहुंच गया।

6. समुद्री क्षेत्र में महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस

बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने 18 मई, 2024 को नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय समुद्री महिला दिवस मनाया, जिसमें महिला नाविकों के महत्वपूर्ण योगदान का सम्मान किया गया। इस वर्ष की थीम, “सुरक्षित क्षितिज: समुद्री सुरक्षा के भविष्य को आकार देने में महिलाएँ” समुद्री क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। समारोह के दौरान, समुद्री क्षेत्र में विभिन्न डिग्री प्राप्त करने वाली विभिन्न समुद्री संस्थानों की 27 महिला नाविकों और क्षेत्र के कुछ पेशेवरों को समुद्री उद्योग में उनके समर्पण और महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

7. पारंपरिक ईंधन आधारित हार्बर टग्स को ग्रीन टग्स से बदलने के लिए माननीय केंद्रीय मंत्री-पीएसडब्लू द्वारा जीटीटीपी के लिए एसओपी का शुभारंभ

ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) के लिए एसओपी को माननीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री द्वारा 16 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली में पारंपरिक ईंधन आधारित हार्बर टग से ग्रीन टग में परिवर्तन के लिए लॉन्च किया गया था। यह 2023 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा जारी किए गए समुद्री अमृत काल विजन 2047 के अनुरूप है, जिसमें वर्ष 2030 GTTP तक प्रमुख बंदरगाहों के बंदरगाह जहाजों से GHG उत्सर्जन में 30% की कमी की परिकल्पना की गई है और यह ‘पंच कर्म संकल्प’ के तहत प्रमुख पहल है।

8. प्रमुख बंदरगाहों के श्रमिकों के लिए वेतन संरचना में संशोधन

28 अगस्त, 2024 को वार्ता के सफल समापन का संकेत देते हुए बड़ी सफलता के रूप में द्विपक्षीय वेतन वार्ता समिति (BWNC) और भारतीय बंदरगाह संघ (IPA) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता वेतन संरचना के संशोधन की सुविधा प्रदान करता है और पेंशन लाभ सहित अन्य सेवा शर्तों की जानकारी प्रदान करता है। 01 जनवरी, 2022 से प्रभावी नए वेतनमान मौजूदा प्रथाओं के अनुसार तैयार किए जाएंगे।

C. जहाजरानी

1.राज्य मंत्री (पीएसडब्ल्यू) ने 05 मई, 2023 को वीओसी पोर्ट, तूतीकोरिन से एमवी एमएसएस गैलेना को हरी झंडी दिखाकर भारत मालदीव शिपिंग सेवा शुरू की।

2. समुद्री विकास निधि पर निवेशक सम्मेलन:

बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने भारत के शिपिंग उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहलों पर चर्चा करने के लिए 6 जून, 2024 को मुंबई में हितधारकों की बैठक बुलाई। बैठक में NIIF, IFSC, SBI, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, ड्यूश बैंक और HDFC जैसे प्रमुख संस्थानों सहित घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और उधारदाताओं की विविध श्रेणी की भागीदारी देखी गई। IFSCGIFT से बाहर स्थित संस्थानों की भी भागीदारी देखी गई। मंत्रालय ने प्रस्तावित समुद्री विकास निधि (MDF) की संरचना और प्रस्तावित शिप ओनिंग एंड लीजिंग एंटिटी (SOLE) के कामकाज के लिए रूपरेखा प्रस्तुत की। MDF में निवेश करने और SOLE को उधार देने में रुचि का आकलन करने के लिए प्रतिभागियों से प्रतिक्रिया मांगी गई।

3. अंतरराष्ट्रीय यात्री नौका सेवा की फिर शुरुआत (भारत और श्रीलंका)

दोनों स्थानों में क्षेत्रीय संपर्क और पर्यटन को बढ़ाने के लिए मंत्रालय स्तर पर नियमित निगरानी और समन्वय के बाद, 16:08 2024 को नागपट्टिनम (भारत) और कांकेसंथुराई (श्रीलंका) के बीच नौका सेवा सफलतापूर्वक पुनः आरंभ की गई।

4 गिफ्ट सिटी में एससीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी का गठन

शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने 12 अगस्त, 2024 को अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (डब्ल्यूओएस) ‘एससीआई भारत आईएफएससी लिमिटेड’ को समाहित किया है। इसका पंजीकृत कार्यालय गिफ्ट हाउस, गिफ्ट सिटी, गांधी नगर, गुजरात में है और इसे 23 सितंबर, 2024 को “पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर)” मिल गया है। डब्ल्यूओएस ने अपनी व्यावसायिक गतिविधियां भी शुरू कर दी हैं।

5. सागरमंथन: महान महासागर संवाद

एमओपीएसडब्ल्यू ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के साथ मिलकर 18-19 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली में “सागरमंथन: द ग्रेट ओशन्स डायलॉग” का आयोजन किया। इस डायलॉग में दुनिया भर के 60 देशों के 1700 से ज़्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सरकार, पत्रकार और विशेषज्ञ शामिल थे।

D. अंतर्देशीय जलमार्ग

1. अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से माल की आवाजाही

देश में आईडब्ल्यूटी आधारित माल ढुलाई वित्त वर्ष 14 में 18.1 एमएमटी से सात गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 133.03 एमएमटी हो गई है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 142 मिलियन टन के वार्षिक लक्ष्य के अनुरूप, अप्रैल से नवंबर 2024 के दौरान 94.81 मिलियन टन का परिवहन किया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2023 की इसी अवधि में 88.89 मिलियन टन का परिवहन किया गया था, जो 6.66% की वृद्धि है।

2. कार्गो प्रमोशन योजना

माननीय मंत्री (पीएसडब्ल्यू) ने 15.12.2024 को आईडब्ल्यूटी कार्गो प्रमोशन योजना शुरू की। इसे कार्गो मालिकों द्वारा अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन क्षेत्र के उपयोग को बढ़ावा देने और भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) के माध्यम से एनडब्ल्यू -1 और एनडब्ल्यू -2 और एनडब्ल्यू -16 पर कार्गो आवाजाही के लिए अनुसूचित सेवा स्थापित करने के लिए 35% प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए शुरू किया गया। इस योजना से 800 मिलियन टन किमी कार्गो को अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) मोड पर डायवर्ट करने की उम्मीद है, जो एनडब्ल्यू पर 4700 मिलियन टन किमी के मौजूदा कार्गो का लगभग 17% है। इस योजना का उद्देश्य प्रदर्शन प्रभाव के लिए शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) के माध्यम से भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के जहाजों का उपयोग करके कोलकाता और वाराणसी/पांडु के बीच अनुसूचित जलमार्ग कार्गो सेवा शुरू करना और जलमार्ग आवाजाही में कार्गो मूवर्स/मालिकों का विश्वास बढ़ाना है।

3. कोलकाता में अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परिषद (आईडब्ल्यूडीसी) की पहली बैठक

कोलकाता में 08.01.2024 को “गंगेस क्वीन” नामक जहाज पर आयोजित आईडब्ल्यूडीसी की पहली बैठक देश के अंतर्देशीय जलमार्गों की क्षमता बढ़ाने और व्यवहार्यता बढ़ाने के प्रयास में कई पहलों के साथ संपन्न हुई। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग और आयुष मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में 6 राज्यों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधियों, 14 राज्यों के सचिवों के प्रतिनिधित्व के साथ-साथ नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के नेताओं सहित प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया। देश में आर्थिक विकास और वाणिज्य के माध्यम के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों को सक्षम बनाने के उद्देश्य से इस बैठक में देश में नदी क्रूज पर्यटन के विकास के लिए 45,000 करोड़ रुपए के निवेश की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की गई। इसमें से, अनुमानित 35,000 करोड़ रुपए क्रूज जहाजों के लिए और 10,000 करोड़ रुपए अमृत काल के अंत तक यानी 2047 तक क्रूज टर्मिनल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निर्धारित किए गए हैं।

माननीय मंत्री ने कोलकाता में आईडब्ल्यूडीसी के उद्घाटन सत्र में 2047 तक 100% हरित जहाजों के उद्देश्य से ‘हरित नौका’ – अंतर्देशीय जहाजों के लिए हरित संक्रमण दिशा-निर्देश और ‘रिवर क्रूज़ पर्यटन रोडमैप, 2047’ का भी शुभारंभ किया।

4. वाराणसी में प्रथम हाइड्रोजन ईंधन सेल पोत की तैनाती

इस पोत को 14.07.2024 को वाराणसी में तैनात किया गया ताकि साइट पर परीक्षण किया जा सके और फिर परिचालन शुरू किया जा सके।

E. लाइटहाउस और जहाज

1. लाइटहाउस फोटो प्रदर्शनी

एमओपीएसडब्ल्यू के तहत लाइटहाउस और लाइटशिप निदेशालय (डीजीएलएल) ने 3 से 7 मार्च, 2024 तक नई दिल्ली में लाइटहाउस फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया। माननीय पीएसडब्ल्यू और आयुष मंत्री ने 3 मार्च, 2024 को चार दिवसीय लाइटहाउस फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य लाइटहाउस पर्यटन को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम में भारत के विशाल समुद्र तट पर फैले लाइटहाउस की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाने वाली 100 तस्वीरों का संग्रह दिखाया गया। एमओपीएसडब्ल्यू देश में लाइटहाउस को पर्यटन स्थल के रूप में बदलने और ऐतिहासिक लाइटहाउस को पर्याप्त सुविधाओं के साथ पुनर्निर्मित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

2. अंडमान द्वीप के पूर्वी तट पर रानी लक्ष्मीबाई शिला (मध्य समुद्र) पर लाइट हाउस टॉवर की स्थापना

डीजीएलएल ने अंडमान द्वीप के पूर्वी तट पर स्थित रानी लक्ष्मीबाई शिला लाइटहाउस का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। लाइटहाउस टावर और एप्रोच स्ट्रक्चर (चरण-I) के निर्माण के लिए 32.82 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है।