सनातन धर्म में वैदिक काल में पुराणों की रचना की गई । पुराण भक्ति-ग्रंथ हैं और संख्या में 18 हैं। इनमें अलग-अलग देवी-देवताओं कों केंद्र मानकर पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म, कर्म-अकर्म की गाथाएं बताई गई हैं, इनमें सृष्टि के आऱंभ से अंत तक का संपूर्ण विवरण दिया गया है।