Google को लगा झटका, कोर्ट ने माना- अपना दबदबा बनाने के लिए किया गैरकानूनी काम

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गूगल को अमेरिका में एक बड़ा झटका लगा है. कंपनी पर सर्च इंजन मोनोपोली को लेकर चल रहे केस में दोषी माना गया है. जज अमित पी मेहता ने माना है कि गूगल ने सर्च इंजन मार्केट में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया है. गूगल ने दूसरी कंपनियों को पैसे भी दिए हैं.

Google को एक बड़ा झटका लगा है. अमेरिकी कोर्ट ने माना है कि Google ने ऑनलाइन सर्च में अपनी मोनोपोली बनाने के लिए गैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल किया गया है. अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज अमित पी मेहता ने ये फैसला सुनाया है. ये फैसला टेक्नोलॉजी जगत के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.

दरअसल, टेक्नोलॉजी सेक्टर में हमें कई ऐसे कंपनियां नजर आती है, जिनकी बादशाहत को कोई चुनौती नहीं दे पाता है. गूगल ऐसी ही कंपनी है, जिसका सर्च इंजन मार्केट पर कब्जा है. दुनियाभर में दूसरे सर्च इंजन भी हैं, लेकिन गूगल का तोड़ अभी तक किसी के पास नहीं है.

क्या है कोर्ट का कहना?

फैसले में जज मेहता ने कहा है कि गूगल ने सर्च बिजनेस में अपनी मोनोपोली का गलत फायदा उठाया है. जज ने कहा है कि गूगल ने अपने डिस्ट्रिब्यूशन एग्रीमेंट में कंपटीशन को मार्केट में आने से ब्लॉक किया है.

इसके अलावा Google ने 26 अरब डॉलर का भुगतान अपने सर्च इंजन को स्मार्टफोन और वेब ब्राउजर पर डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाने के लिए किया है. इसकी वजह से मार्केट में दूसरे कंपटीशन को पकड़ नहीं मिल पाई. इसके लेकर अमेरिका में जस्टिस डिपार्टमेंट और राज्यों ने गूगल के खिलाफ मुकदमा किया था.

गूगल पर आरोप लगा था कि कंपनी ने Samsung और Apple जैसी कंपनियों को अरबों डॉलर दिए, जिससे उसका दबदबा बना रहे. जज मेहता ने कहा है कि फोन्स और ब्राउजर पर गूगल की मोनोपोली की वजह से कंपनी ने ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट की कीमत बिना परिणाम के बारे में सोचे बढ़ाई है.

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अमेरिकी अटॉर्नी जनरल Merrick Garland ने इस फैसले को अमेरिकी लोगों की ऐतिहासिक जीत बताया है. उन्होंने कहा है कि कोई भी कंपनी कानून से ऊपर नहीं होती है. फेडरल एंटीट्रस्ट रेगुलेटर्स ने दूसरी बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ भी मुकदमा किया है, जिसमें Meta प्लेटफॉर्म, ऐमेजॉन और ऐपल शामिल हैं.

अब कंपनी आगे क्या करेगी?

गूगल इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना में है. कंपनी का कहना है कि उनकी सफलता बेहतर प्रोडक्ट देने की वजह से है, जो कंज्यूमर्स को पसंद आता है. गूगल के वकीलों का कहना है कि कंपनी को दूसरे प्लेटफॉर्म्स से काफी चुनौती मिलती हैं और उसका मार्केट शेयर यूजर्स के लिए वैल्यूएबल सर्विस तैयार करने की वजह से है.