Nag Panchami Special: नाग पंचमी पर इस आरती से करें नागदेव को प्रसन्न

39

श्री नाग पंचमी आरती

श्रीनागदेव आरती पंचमीकी कीजै  
तन मन धन सब अर्पण कीजै ।
नेत्र लाल भिरकुटी विशाला ।
चले बिन पैर सुने बिन काना ।
उनको अपना सर्वस्व दीजे।।

पाताल लोक में तेरा वासा ।
शंकर विघन विनायक नासा ।
भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै।।

शीश मणि मुख विषम ज्वाला ।
दुष्ट जनों का करे निवाला ।
भगत तेरो अमृत रस पिजे।।

वेद पुराण सब महिमा गावें ।
नारद शारद शीश निवावें ।
सावल सा से वर तुम दीजे।।

नोंवी के दिन ज्योत जगावे ।
खीर चूरमे का भोग लगावे ।
रामनिवास तन मन धन सब अर्पण कीजै । 
आरती श्री नागदेव जी कीजै ।।

नाग पंचमी का महत्व

ऐसा माना जाता है एक बार मातृ-शाप से नागलोक जलने लगा था, चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। इस दाहपीड़ा की निवृत्ति या कहें इस शाप से मुक्ति के लिए नाग पंचमी को गाय के दूध से स्नान कराया गया।

नाग पंचमी पर दुग्ध स्नान नागों को शीतलता प्रदान करता है, वहीं भक्तों को सर्पभय से मुक्ति प्रदान करता है।

श्री नाग पंचमी आरती

इस आरती से करें नागदेव को प्रसन्न