भगवान शिव के इस 800 साल
पुराने मंदिर का जानिए रहस्य
भगवान शिव के इस 800 साल पुराने मंदिर का जानिए रहस्य – श्रावण मास में भगवान शिव को मनाने के लिए लोग कावड़ लेकर आते हैं और भोले पर जल चढ़ाते हैं लेकिन भोले के मंदिरों को लेकर भी कुछ मान्यताएं हैं। पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित श्री गौरी-शंकर मंदिर जो श्रद्घालुओं की आस्था का केंद्र है, वहीं इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में भी इसका अनूठा रहस्य मिलता है। यहां भगवान शिव का अर्द्घनारीश्वर रूप मिलता है। पार्वती और शिव की पूजा-अर्चना के लिए यहां सुबह 5 बजे से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं।
पांच पीपल के पेड़ के मध्य विराजे भगवान भोलेनाथ भक्तों की हर मुराद को पूरा करते हैं। साल 1909 से मंदिर की देखभाल करने वाली प्रबंध समिति के अनुसार, मंदिर करीब 800 साल पुराना है। इनके नाम का जिक्र आज भी मंदिर की छत पर मौजूद पिरामिड के निचले हिस्से में देखने को मिलता है। इसके कई दशक बाद मंदिर का पुनर्निर्माण सेठ जयपुरा ने 1959 में कराया था।
बताया जाता है कि मराठा सैनिक युद्ध में घायल होकर इस मंदिर में पहुंचे थे।
यहां उन्होंने भगवान भोलेनाथ की प्रार्थना की थी।
मंदिर में भगवान शिव के अलावा मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय महाराज की प्रतिमाएं विराजमान हैं।
यहां दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
श्रावण मास में कांवड़ियों को भोलेनाथ के साथ उनके पूरे परिवार के पूजन का सौभाग्य भी मिलता है।