महाशिवरात्रि भगवान शिव
महाशिवरात्रि भगवान शिव का दिन ये दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन है। शिव भक्तों के लिए ये बहुत बड़ा दिन माना जाता है और इस वर्ष ये और भी खास होने जा रहा है। महाशिवरात्रि का पावन पर्व 11 मार्च को है और 101 साल बाद इस दिन महा संहयोग बनने जा रहा है। ज्योतिषियों का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. इन शुभ संयोगों के बीच महाशिवरात्रि पर पूजा बेहद कल्याणकारी मानी जा रही है.
शिवरात्रि पर महासंहयोग
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है.
11 मार्च गुरुवार को त्रयोदशी और चतुर्दशी मिल रही हैं.
इस दिन शिव योग, सिद्धि योग और घनिष्ठ नक्षत्र का संयोग बन रहा है.
और ऐसी घटना 101 साल बाद इस महाशिवरात्रि को होने जा रहा है।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार,
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था.
भोलेनाथ के विवाह में देवी-देवताओं समेत दानव, किन्नर, गंधर्व, भूत, पिशाच भी शामिल हुए थे.
पूजा की विधि और शुभ मुहुर्त
आइये अब जानतें हऐ पूजा की विधि और शुभ मुहुर्त. महाशिवरात्रि पर शिवलिंग को गंगाजल, दूध, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण से स्नान करवाया जाता है. ज्योतिषियों का ये भी कहना है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को संसार के कल्याण के लिए शिवलिंग प्रकट हुआ था. इस साल महाशिवरात्रि 11 मार्च को सुबह 9:24 तक शिव योग रहेगा. इसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा, जो 12 मार्च सुबह 8:29 तक रहेगा. शिव योग में किए गए सभी मंत्र पलदायक होते हैं. इसके साथ ही रात 9:45 तक घनिष्ठा नक्षत्र रहेगा. इस साल महाशिवरात्रि पर निशीथ काल में पूजा का मुहूर्त रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. पूजा की कुल अवधि करीब 48 मिनट तक रहेगी. पारण मुहूर्त 12 मार्च को सुबह 6 बजकर 36 मिनट से दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक रहेगा.