देवी स्कंदमाता जी की आरती।। Maa Skandamata Aarti

17

माता स्कंदमाता जी की आरती

जय तेरी हो अस्कंध माता 
पांचवा नाम तुम्हारा आता 
सब के मन की जानन हारी 
जग जननी सब की महतारी 
तेरी ज्योत जलाता रहू मै 
हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै 
कई नामो से तुझे पुकारा 
मुझे एक है तेरा सहारा 
कही पहाड़ो पर है डेरा 
कई शेहरो मै तेरा बसेरा 
हर मंदिर मै तेरे नजारे 
गुण गाये तेरे भगत प्यारे 
भगति अपनी मुझे दिला दो 
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो 
इन्दर आदी देवता मिल सारे 
करे पुकार तुम्हारे द्वारे 
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये 
तुम ही खंडा हाथ उठाये 
दासो को सदा बचाने आई 
‘भक्त’ की आस पुजाने आई

माता स्कंदमाता जी की आरती कीजै