हनुमान जी को प्रसन्न करने का राज
हनुमान जी को प्रसन्न करने का राज-
अधिकांश पवन पुत्र के भक्त व साधक उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए परेशान रहते हैं।
कारण कि उन्हें हनुमान जी को प्रसन्न करने का राज नहीं मालूम। हनुमान जी की शक्ति है
श्री राम यदि आप यह शक्ति प्राप्त कर लें
श्री राम रक्षा यंत्र के माध्यम से तो हनुमान जी अवश्य कृपा करेंगे।
बिना श्री राम रक्षा यंत्र के हनुमनत साधना या उपासना सफल नहीं होती है।
अतः प्रत्येक हनुमान मंदिर में इस यंत्र की स्थापना होनी चाहिए क्योंकि अगस्त्यसंहिता के अनुसार वज्र पंजर नामक शास्त्र है।
श्री राम रक्षा यंत्र को धारण करने से सर्व कृपा एवं सिद्धियां उपलब्ध होती है।
पाप व विपत्तियां समूल नष्ट हो जाती हैं।
क्रूर ग्रह भी प्रसन्न एवं शांत हो जाते हैं। इस यंत्र का वर्णन अगस्त्य संहिता में दिया हुआ है
इस यंत्र को धारण व स्थापित किया जाता है। यह यंत्र किसी पवित्र जगह पर रखा जाता है
हनुमान मंदिर में स्थापित किया जाता है। अगस्त्य ऋषि के अनुसार स्वर्ण पत्र पर अंकित यंत्र जीवन पर्यन्त, चांदी पत्र पर 20 वर्ष, भोजपत्र पर 12 वर्ष तथा ताम्रपत्र पर 6 वर्ष तक प्रभावी रहता है। उपासक अपनी शक्ति के अनुसार यंत्र राज बना कर या लिखकर प्राण प्रतिष्ठा कर धारण करें।
हनुमान जी को प्रसन्न करने का राज
सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण कर आसन पर उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके श्री राम दरबार का चित्र सामने रखें।
चित्र के निकट चावल बिछाकर उस पर यंत्र राज रामरक्षा यंत्र सम्मान सहित रखें।
यंत्र का पंचोपचार पूजन कर धूप दीप को साक्षी मानकर 108 तुलसी के दल चढ़ावे। प्
रति तुलसी पत्र के साथ श्री राम जय राम जय जय राम बोलते हुए यंत्र पर तुलसी पत्र चढ़ावें।
दूसरे दिन से 21 तुलसी पत्र प्रति पत्ति पर श्री राम जय राम जय जय राम बोलते हुए चढ़ाए।
यह प्रक्रिया 8 दिन तक करें वह यंत्र के ऊपर मध्यमा और अनामिका उंगली (दाएं हाथ की) श्री राम रक्षा स्तोत्र का एक बार उच्चारण करें।
पूर्ण चैतन्य इस यंत्र के दर्शन कर हनुमान जी का कोई भी मंत्र जप करें (हनुमान चालीसा, बजरंग बाण भी कर सकते हैं)। इसे त्वरित अच्छा परिणाम मिलना शुरू हो जाता है।