दशहरा पूजा विधि
दशहरा पूजा विधि –दशहरा या कहें विजयादशमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है।
यह पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को धूम-धाम से मनाया जाता है।
इसी दिन श्री राम रावण का वध कर सीता माता को लंका से लेकर आए थे।
एक कथा के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा ने भी नौ रात्रि और दस दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी।
कई जगहों पर दशहरे के दिन अस्त्रों का पूजन भी किया जाता है।
इस दिन वैदिक हिन्दू रीति के अनुसार भगवान राम के साथ-साथ लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का भी पूजन करना चाहिए।
ऐसे करें पूजा
सुबह इस दिन घर के आंगन में गोबर के चार पिण्ड मण्डलाकर बनाएं।
इन्हें श्री राम समेत लक्ष्मण, भरत और शत्रुध्न की छवि मानकर चार बर्तनों में भीगा हुआ धान और चांदी रखकर उसे किसी वस्त्र से ढक दें।
उसके बाद उनकी गंध, पुष्प और द्रव्य आदि से पूजा करें। पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
दशहरे पर ऐसा करने से व्यक्ति को वर्षभर के सुखों की प्राप्ति होती है।