इस भाव स्थित केतू आपको रूपवान बनाता है। सुफलों की श्रेणी में यह आपको सुखी और सम्पन्न भी बनाता है। ज्योतिषीय साहित्यों में कहा गया है कि यहां स्थित केतू आपको अत्यंत सुख देता है। आप अमित सुख के साथ-साथ धन लाभ भी प्राप्त करते हैं। कई अवसरों पर यह आपको मधुर वचन वक्ता भी बनाता है। लेकिन अधिकांश मामलों में यहां स्थित केतू को अशुभफल देने वाला ही माना गया है। आप कुछ हद तक व्यग्रचित्त हो सकते हैं। कई मामलों में आपको भ्रमित भी देखा जा सकता है। कभी-कभी आपको ऐसी अनुभूति होगी कि आपका भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है। मन संतापित रहता है।
कामों में व्यवधान आ सकते हैं। कई मामलों में आप धर्म के विरुद्ध जाते हुए पाए जाएंगे। आपको नीचों की संगति अधिक पसंद होगी। विद्या प्राप्ति में व्यवधान आ सकता है। आर्थिक समस्याएं बीच-बीच में परेशान कर सकती हैं। व्यर्थ के खर्चे बने रहेंगे। राजपक्ष या सरकार से भय रहेगा। पैतृक सम्पत्ति मिलने में व्यवधान आएगा।
कोई मुख रोग परेशान कर सकता है अथवा वाणी में कोई दोष हो सकता है। आदर सत्कार का वचन निकालने में अरुचि हो सकती है। भाषण सम्भाषण में सरसता का अभाव रहेगा। परिवार में कलह रह सकती है। मित्रों से विरोध हो सकता है और व्यवसाय में घाटा हो सकता है। अत: इन बातों को ध्यान में रखकर आचरण करें।