: पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट की कमी के कारण जुगाड़ पर काम चला रहे डॉक्टर, पढ़िए हजारीबाग से खास रिपोर्ट CoronaVirus के खिलाफ जंग में पूरा देश एक साथ खड़ा नजर आ रहा है। आम जनता जहां खुद को घरों में कैद रखकर इस बीमारी को फैलने से रोक रही है, वहीं डॉक्टर और नर्सें खुद की जान जोखिम में डालकर मरीजों का इराज कर रहे हैं।
देश के विभिन्न अस्पतालों में संदिग्धों की स्क्रीनिंग हो रही है और जो पॉजिटिव निकल रहे हैं, उनका इलाज चल रहा है। कई अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के बावजूद डॉक्टर और नर्सें जुटे हैं। डॉक्टरों की खुद की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) की मौजूदा समय में अस्पतालों में भारी कमी है। पीपीई (मास्क, जैकेट, सैनिटाइजर व अन्य जरूरी बचाव के इंतजाम) नहीं रहने पर भी चिकित्सक जुगाड़ के तहत रेन कोट का सहारा लेकर इलाज कर रहे हैं।
झारखंड में तो ऐसा ही हो रहा है। पढ़िए हजारीबाग से विकास कुमार की रिपोर्ट – बारिश से बचाने वाले रेन कोट को डॉक्टरों ने इन दिनों CoronaVirus से लड़ने का हथियार बना लिया है। एप्रॉन के साथ रेन कोट पहनकर वह किसी तरह इसके सहारे बचाव कर रहे हैं, ताकि CoronaVirus का संक्रमण उनके कपड़ों से होकर उन तक नही पहुंचे।
रेन कोट बतौर पीपीई उनका अभी सबसे बड़ा सहारा बना हुआ है। Coronavirus से लड़ने 10वीं के छात्र ने दी PM मोदी को बड़ी सलाह, आप भी जानकर करेंगे तारीफ यह भी पढ़ें हजारीबाग के ग्रामीण क्षेत्र में चूरचू, आंगो, टाटीझरिया समेत अन्य स्थान पर तैनात डॉक्टर रेन कोट का सहारा ले रहे