उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा को कथित तौर पर भड़काने वाले नफरती भाषणों के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली एक याचिका पर चार मार्च को सुनवाई करने का सोमवार को निर्णय किया।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ दंगा पीड़ितों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हुई। दंगा पीड़ितों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने इस याचिका का उल्लेख तत्काल सुनवाई के लिए किया था।
गोन्जाल्विस ने कहा कि हाल में हुई हिंसा के चलते लोगों के मरने की खबर आना बदस्तूर जारी रहने के बावजूद दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी है।