रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि बालाकोट हवाई हमलों से भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश गया कि सीमा पार के बुनियादी ढांचों का इस्तेमाल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में नहीं किया जा सकेगा। सिंह ने ‘सेंटर फॉर एयर पॉवर स्टडीज’ में कहा, ‘‘हमें जो काम मिला है यदि उसके लिए हमें तैयार रहना है तो यह आवश्यक है कि हम जमीन, आसमान और समुद्र में हर वक्त विश्वास योग्य प्रतिरोधक क्षमता कायम रखें।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि बालाकोट हवाई हमलों ने भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश भेजा है
कि सीमा पार के बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह के रूप में नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बालाकोट हवाई हमलों ने सीमा पार सिद्धांतों को पुन: लिखे जाने को बाध्य किया और देश के संकल्प और क्षमता को दिखाया। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने इस कार्यक्रम में कहा, ‘‘हर जवान को प्रशिक्षित और प्रोत्साहित रखने से ही प्रतिरोधक क्षमता आती है।’’ रावत ने रेखांकित किया कि प्रतिरोधक क्षमता सैन्य नेतृत्व की इच्छाशक्ति और सख्त फैसले लेते वक्त सियासी नेतृत्व के इरादों से आती है। उन्होंने कहा, ‘‘करगिल, उरी हमलों और पुलवामा हमले के बाद यह देखा जा सकता था।’’