जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी और मौजूदा ट्रांसपोर्ट कमिश्नर IPS एसपी वैद ने गृह मंत्री अमित शाह की नई कश्मीर नीति पर खुशी जताई है. वैद का कहना है कि अमित शाह की नीति घाटी में न्याय लेकर आएगी. वैद का इशारा घाटी में आतंक के चलते कश्मीरी पंडितो के पलायन की तरफ रहा. जो अपने घरों को छोड़कर देश के दूसरे हिस्सो में बस गए.
जम्मू-कश्मीर के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अफसरों में शुमार शीशपाल (एसपी) वैद ने कहा,”अमित शाह की कश्मीर नीति घाटी के विस्थापितों और पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों के लिए न्याय लेकर आएगी. जम्मू क्षेत्र के लोग लंबे समय से परिसीमन की मांग उठाते रहे हैं.”
एसपी वैद जम्मू-कश्मीर कैडर के 1984 बैच के आईपीएस हैं. वह दिसंबर 2016 से सितंबर 2018 तक राज्य के पुलिस महानिदेशक रहे. उनके निर्देशन में चले ऑपरेशन ऑल आउट के दौरान घाटी में कई आतंकी मारे गए थे. हालाकि पिछले साल दक्षिण कश्मीर में आतंकियों की ओर से कई पुलिसकर्मियों के अपहरण की बढ़ती घटनाओं के बाद से उन्हें डीजीपी पद से हटाकर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बना दिया गया. उनके स्थान पर डीजीपी जेल दिलबाग सिंह को जम्मू-कश्मीर का नया डीजीपी बनाया गया।
परिसीमन पर क्या है गृह मंत्रालय का रुख
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी भले ही जम्मू क्षेत्र के परिसीमन को समय की जरूरत बता रहे हैं, मगर गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अभी इसको लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं हुई है. और न ही किसी तरह का प्रस्ताव तैयार किया गया है. बता दें कि जम्मू कश्मीर में आखिरी बार 1995 में परिसीमन हुआ था. जबकि जम्मू कश्मीर में हर 10 साल के बाद परिसीमन होने की व्यवस्था है, मगर 2002 में फारूक अब्दुल्ला सरकार ने इस पर 2026 तक के लिए रोक लगा दी थी.