: स्वस्थ रहने के लिए लोग अपने हिसाब से कई तरह की सुविधाओं को अपनाते हैं, लेकिन समय के साथ हमारे रहन-सहन और खान-पान के तौर तरीकों में कई बदलाव आए हैं। एक समय जमीन पर बैठकर खाना खाया करते थे।
आज कोई मेज पर तो कोई बिस्तर पर खाना खा रहा है, तो कोई खड़े होकर और कोई तो चलते-चलते ही खाता नजर आता है। भले ही बदलते दौर में भोजन करने के तौर तरीके में बड़ा बदलाव आ गया हो लेकिन पुराने समय में लोग जमीन पर बैठ कर भोजन करना ही पसंद करते थे। इसका संबध न सिर्फ परंपरा से बल्कि पाचन से भी होता था।जमीन पर बैठकर खाना खाने से वह लंबे समय तक स्वस्थ रहा करते थे। जमीन पर बैठकर भोजन करने से न सिर्फ हमें तृप्ति मिलती है हमारी पाचन क्रिया भी बहुत अच्छी बनी रहती है। साथ ही शरीर में रक्त का संचार ठीक रहता है। चूंकि जमीन पर बैठकर भोजन करने से एक प्रकार से शरीर का योगासन हो जाता है।
जमीन पर बैठकर भोजन करने के लिए हमें अपने घुटनों को मोड़ना पड़ता है। जिससे एक तरह का घुटनों का व्यायाम होता है। यही कारण है कि पुराने जमाने में लोगों में घुटनों की समस्या बहुत कम देखने को मिलती थी। वहीं आज हर तीसरे व्यक्ति में यह समस्या देखी जा रही है।