दिल्ली में आश्रम से 9 लड़कियां गायब, 2 अधिकारी हुए सस्पेंड

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दिल्ली के संस्कार आश्रम फॉर गर्ल्स (SAG) से नौ लड़कियों के गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सरकारी आश्रम से बच्चियों के गायब होने की जानकारी होने पर दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बताया। आज सुबह 7 बजे से दिल्ली महिला आयोग प्रमुख स्वाति जयहिंद आश्रम में पहुंची हुई हैं। उपमुख्यमंत्री ने नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के महिला और बाल विकास विभाग के अफसर और आश्रम के सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया। जीटीबी एनक्लेव पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जय हिंद ने इस घटना पर रोष जताते हुए मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराने की मांग की है। मामला एक दिसंबर की रात का है। दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम से 9 लड़कियां गायब हो गईं। आश्रम के अधिकारियों को बच्चियों के गायब होने की जानकारी तक नहीं लगी। दो दिसंबर की सुबह इस बारे में पता चला। इस मामले में जीटीबी एनक्लेव पुलिस थाने में 2 दिसंबर को एक एफआईआर दर्ज की गई।

स्वाति जय हिंद ने कहा कि दिल्ली की एक सरकारी शेल्टर होम से 9 लड़कियों के गायब होने की घटना चौंकाने वाली है। उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि इसमें से कई लड़कियां वे हैं जिन्हें महिला आयोग ने अलग-अलग मानव तस्करों के गिरोह से छुड़ाया था।

स्वाति ने कहा कि जो भी लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें पकड़ा जाए, लड़कियों को खोजा जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उन्होंने कहा कि बहुत दुख की बात है कि महिला आयोग जान पर खेलकर बच्चियों को मानव तस्करों के गिरोह से छुड़ाता है और कुछ अधिकारी और लोग इन्हें वापस मानव तस्करी के दलदल में धकेल देते हैं।Image result for dcw swati maliwalदिल्ली महिला आयोग का कहना है कि इन नौ लड़कियों को बाल कल्याण समिति-VII के आदेश पर 4 मई 2018 को द्वारका के एक शेल्टर होम से संस्कार आश्रम फॉर गर्ल्स में लाया गया था। ये सभी मानव तस्करी और देह व्यापार की शिकार थीं। इससे पहले भी आयोग में बाल कल्याण समिति-V की पूर्व सदस्य ने संस्कार आश्रम फॉर गर्ल्स, दिलशाद गार्डन में व्याप्त अव्यवस्थाओं के बारे में एक शिकायत दर्ज करवाई थी।

उन्होंने बताया था कि एक लड़की के साथ आश्रम के अधिकारियों ने दुर्व्यवहार किया है। इसमें कहा गया कि बच्ची के साथ गलत बर्ताव होता था। उसे मारा-पीटा जाता था। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष और सदस्य को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने होम के अधीक्षक के खिलाफ बच्ची को मारने के मामले में एक लिखित शिकायत की थी। दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग को नोटिस जारी किया था और मामले में जुवेनाइल जस्टिस रूल्स, 2016 के नियम 54(2) के तहत एफआईआर दर्ज न होने का कारण बताने को कहा था।