दिवाली को लेकर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं. कुछ लोग दिवाली के दिन काजल बनाते हैं। इसके लिए रातभर दीया जलाया जाता है। दीये की ज्योत जलने पर जो कालापन इकठ्ठा होता है, उससे काजल बनाया जाता है। इस काजल को घर के बुजुर्ग सभी लोगों की आंखों में लगाते हैं।
साथ ही काजल को घर की महत्वपूर्ण जगहें जैसे अलमारी, तिजोरी, खाना बनाने के चूल्हे पर भी लगाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं और घर में बर्कत बनी रहती है. ये भी माना जाता है कि काजल लगाने से व्यक्ति बुरी शक्तियों से बचा रहता है।दिवाली पर प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा होता है. प्रदूषण का असर लोगों की आंखों पर बहुत ज्यादा पड़ता है। कई बार प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने पर कुछ लोगों की आंखें लाल हो जाती है, आंखों से पानी निकलने लगता है, जलन होती है। ऐसे में काजल लगाने से प्रदूषण और ठंडी हवाओं से होने वाले नुकसान से आंखें सुरक्षित रहती हैं। इस बात की पुष्टि आयुर्वेद में भी हो चुकी है।