
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश के युवाओं को राष्ट्र निर्माण की धुरी बताते हुए कहा कि ‘युवाशक्ति’ ही भारत में हो रहे ऐतिहासिक सुधारों का असली इंजन है। एक राष्ट्रीय युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘विकसित भारत @2047’ के विजन को रेखांकित किया और युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी ऊर्जा, कौशल और नवाचार से भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएं।
‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ का मंत्र
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले एक दशक में सरकार द्वारा किए गए संरचनात्मक सुधारों का सबसे बड़ा लाभ देश के युवाओं को मिला है। उन्होंने दोहराया कि रिफॉर्म (सुधार), परफॉर्म (प्रदर्शन) और ट्रांसफॉर्म (परिवर्तन) के रास्ते पर चलकर भारत ने नई ऊंचाइयों को छुआ है।
स्टार्टअप से स्किल तक, युवाओं की ताकत
पीएम मोदी ने गर्व के साथ कहा कि आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन चुका है। इसका श्रेय युवाओं की जोखिम उठाने की क्षमता और नवाचार की सोच को जाता है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति (NEP) और विभिन्न कौशल विकास योजनाओं के जरिए युवाओं को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है।
विकसित भारत के तीन मजबूत स्तंभ
प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीन प्रमुख मंत्र दिए—
- नवाचार (Innovation): तकनीक के जरिए समस्याओं का समाधान
- आत्मनिर्भरता (Self-reliance): ‘वोकल फॉर लोकल’ के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान
- अनुशासन और कर्तव्य: राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनना
दुनिया की उम्मीद बना भारत
पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर उम्मीद और विश्वास की नजर से देख रही है। चाहे डिजिटल भुगतान प्रणाली UPI हो या अंतरिक्ष विज्ञान, भारतीय युवाओं ने अपनी प्रतिभा से वैश्विक मंच पर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे केवल नौकरी की तलाश तक सीमित न रहें, बल्कि ‘जॉब क्रिएटर’ बनकर रोजगार देने वाले बनें।
प्रधानमंत्री का प्रेरणादायी संदेश
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा— जब देश का युवा ठान लेता है, तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती। आपकी आकांक्षाएं ही भारत का भविष्य तय करेंगी। आप केवल 21वीं सदी के मतदाता नहीं, बल्कि 21वीं सदी के भाग्यविधाता भी हैं।












