पूर्णिमा पर होगी सत्यनारायण भगवान की पूजा, जानिए महत्व और विधि

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हिंदू धर्म में श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। यह पूजा भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप को समर्पित होती है और इसे घर में सुख, शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के लिए किया जाता है। श्रद्धा और विधि-विधान से की गई सत्यनारायण पूजा से जीवन की अनेक परेशानियां दूर होने और परिवार में खुशहाली आने की मान्यता है।

सत्यनारायण भगवान की पूजा को लेकर भक्तों में खास उत्सुकता देखने को मिल रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सत्यनारायण भगवान की पूजा पूर्णिमातिथि को करना सबसे शुभ माना जाता है। वर्ष 2026 में भी पंचांग के अनुसार पूर्णिमा के दिन इस पूजा का विशेष महत्व रहेगा। यही कारण है कि विवाह, गृह प्रवेश, नई दुकान के शुभारंभ या किसी नए कार्य की शुरुआत पर बड़ी संख्या में लोग यह पूजा कराते हैं।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सत्यनारायण भगवान की कथा को श्रद्धापूर्वक सुनने और सुनाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह पूजा विशेष रूप से परिवार की सुख-शांति, धन-धान्य, आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ाने के लिए की जाती है। मान्यता है कि सच्चे मन से यह व्रत और पूजा करने वाले भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

सत्यनारायण पूजा की सरल विधि

सत्यनारायण पूजा की विधि को सरल और सहज माना गया है। पूजा के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं। घर के मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित किया जाता है। इसके बाद पंचामृत, फूल, फल, तुलसी दल और प्रसाद अर्पित किया जाता है। पूजा के दौरान सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ या श्रवण किया जाता है, जिसमें सत्य और धर्म के महत्व का वर्णन मिलता है। अंत में आरती कर प्रसाद वितरित किया जाता है।

प्रसाद का विशेष महत्व

इस पूजा में प्रसाद का विशेष महत्व बताया गया है। आमतौर पर सूजी, शक्कर, घी और दूध से बना प्रसाद भगवान को अर्पित किया जाता है। पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य और उपस्थित अतिथि मिलकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि प्रसाद सेवन से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

धार्मिक जानकारों का कहना है कि सत्यनारायण पूजा केवल भौतिक सुख या धन प्राप्ति के लिए नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक संतोष के लिए भी की जाती है। यह पूजा व्यक्ति को सत्य, ईमानदारी और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

वर्ष 2026 में जो लोग अपने जीवन में नई शुरुआत करना चाहते हैं या लंबे समय से चली आ रही समस्याओं से राहत पाना चाहते हैं, उनके लिए सत्यनारायण पूजा को अत्यंत शुभ माना जा रहा है। पूर्णिमा के दिन की गई पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। यही कारण है कि आज भी अनेक परिवार वर्ष में कम से कम एक बार यह पूजा अवश्य करते हैं।