भालू हमले में घायल छात्र आरव से सीएम धामी ने की बात, बहादुरी की सराहना, इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए पौड़ी गढ़वाल में भालू के हमले में घायल छात्र आरव से फोन पर बातचीत की। मुख्यमंत्री ने न केवल आरव का हालचाल जाना, बल्कि संकट की घड़ी में उसके और उसके साथियों द्वारा दिखाए गए साहस की खुलकर प्रशंसा की। सीएम धामी ने भरोसा दिलाया कि सरकार आरव के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी और उसके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही बातचीत में मुख्यमंत्री बेहद आत्मीय अंदाज में छात्र से बात करते नजर आए। फोन पर सीएम ने पूछा, “कैसे हो आरव बेटा? अब घाव कैसा है?” मुख्यमंत्री की इस संवेदनशील पहल से न सिर्फ घायल छात्र का मनोबल बढ़ा, बल्कि अस्पताल में मौजूद परिजनों को भी बड़ा संबल मिला।

बहादुरी की सराहना और सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह बच्चों ने मिलकर भालू का सामना किया और एक-दूसरे की जान बचाई, वह अदम्य साहस का उदाहरण है। उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि आरव के उपचार में किसी भी तरह की लापरवाही न हो।

क्या है पूरा मामला

घटना पौड़ी जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र की है, जहां आरव अपने साथियों के साथ स्कूल से घर लौट रहा था। इसी दौरान झाड़ियों में छिपे एक भालू ने अचानक उस पर हमला कर दिया।

  • साथियों ने दिखाई सूझबूझ: आरव पर हमला होते देख अन्य बच्चों ने भागने के बजाय शोर मचाया और पत्थर फेंककर भालू को डराने की कोशिश की।
  • टली बड़ी अनहोनी: बच्चों के सामूहिक प्रयास से भालू आरव को घायल अवस्था में छोड़कर जंगल की ओर भाग गया।
  • अस्पताल में इलाज जारी: आरव को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसके सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में आए घावों का इलाज चल रहा है।

वन्यजीव संघर्ष पर सरकार सख्त

मुख्यमंत्री धामी ने वन विभाग को भी निर्देश दिए हैं कि रिहायशी इलाकों के आसपास वन्यजीवों की निगरानी और गश्त बढ़ाई जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा, आरव जैसे नन्हे जांबाजों पर पूरे उत्तराखंड को गर्व है। संकट के समय घबराने के बजाय सूझबूझ दिखाना ही असली वीरता है। सरकार आरव और उसके परिवार के साथ खड़ी है।

परिजनों ने जताया आभार

मुख्यमंत्री के फोन कॉल से आरव के माता-पिता भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया का व्यक्तिगत रूप से हालचाल लेना उनके लिए बड़ी बात है और इससे आरव को मानसिक रूप से मजबूत होने में काफी मदद मिलेगी।