
रेलवे की कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं में नकल कराने के संगठित रैकेट का खुलासा हुआ है। पुलिस ने मामले में एक सॉल्वर को गिरफ्तार किया है, जो अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने और अंकों में हेरफेर कराने की कोशिश में शामिल था। जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क की जड़ें हरियाणा तक फैली हुई हैं, जहां से तकनीकी सहायता, उपकरण और फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते थे।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर के रूप में सक्रिय था और कई राज्यों में फैले नेटवर्क के माध्यम से उम्मीदवारों को पास करवाने का दावा करता था। हालिया रेलवे भर्ती परीक्षा के दौरान संदिग्ध गतिविधि देखे जाने के बाद आरोपी पर नजर रखी गई और पर्याप्त सबूत मिलने पर उसे हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर और अन्य तकनीकों की मदद से परीक्षा में नकल करवाने की कोशिश करता था।
जांच एजेंसियां अब हरियाणा में मौजूद उसके सहयोगियों, फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों और तकनीकी सपोर्ट देने वाले गैंग की तलाश में जुटी हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह काफी समय से सक्रिय है और युवाओं से मोटी रकम लेकर पास कराने का लालच देता था। पुलिस बैंक लेनदेन, डिजिटल ट्रेल और जब्त उपकरणों की गहन जांच कर रही है, ताकि नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचा जा सके।
रेलवे भर्ती बोर्ड ने कहा कि परीक्षा की पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता है और नकल या धांधली में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। संदिग्ध गतिविधि सामने आने के बाद संबंधित परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की जा रही है। मामले के खुलासे के बाद अभ्यर्थियों में चिंता बढ़ी है, क्योंकि ये परीक्षाएं लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ी होती हैं।
फिलहाल आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है। पुलिस का कहना है कि जल्द पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा और साइबर टीमों की मदद से ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए नई रणनीति लागू की जाएगी।













