
जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रग तस्करी और आतंकवाद के बीच गहरे होते संबंधों को वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए G20 Initiative on Countering the Drug–Terror Nexus की नई पहल प्रस्तावित की। उन्होंने चेतावनी दी कि फेंटानिल जैसे अत्यधिक घातक सिंथेटिक ड्रग्स तेजी से दुनिया भर में फैल रहे हैं और आतंकवादी संगठनों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय स्रोत बन चुके हैं।
मोदी ने कहा कि इस चुनौती का सामना कोई भी देश अकेले नहीं कर सकता। इसे रोकने के लिए एक वैश्विक, समन्वित और आक्रामक अभियान की आवश्यकता है। उन्होंने सदस्य देशों से संयुक्त कार्रवाई की अपील करते हुए कहा कि G-20 को सिर्फ आर्थिक मुद्दों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उभरते सुरक्षा खतरे भी अब उसके एजेंडे में शामिल होने चाहिए।
भारत द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में वित्तीय निगरानी प्रणाली, आधुनिक सुरक्षा तंत्र और वैश्विक शासन ढांचे को एकीकृत कर ड्रग तस्करी नेटवर्क और आतंकवादी फंडिंग को कमजोर करने की रणनीति शामिल है। यह पहल मनी लॉन्ड्रिंग, खुफिया जानकारी साझा करने और सीमा-पार समन्वय को भी मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि G-20 इस पहल को अपनाता है, तो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहयोग को एक नई दिशा मिल सकती है। हालांकि, वित्तीय संप्रभुता, खुफिया तंत्र साझा करने और कानूनी ढांचे में तालमेल जैसे मुद्दों पर आम सहमति बनाना सदस्य देशों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
मोदी ने स्पष्ट संदेश दिया कि ड्रग और आतंकवाद के गठजोड़ से निपटना अब दुनिया की साझा जिम्मेदारी है, और G-20 इस दिशा में निर्णायक नेतृत्व दिखा सकता है।












