ननकाना साहिब यात्रा पर गए हिंदू श्रद्धालुओं को पाकिस्तान ने रोका, कहा —आप सिख नहीं हैं, आप अंदर नहीं जा सकते

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गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व से एक दिन पहले श्रद्धालु जहां भक्ति और श्रद्धा में डूबे थे, वहीं पाकिस्तान की सीमा पर धार्मिक भेदभाव का मामला सामने आया। ननकाना साहिब यात्रा पर निकले 14 हिंदू श्रद्धालुओं को पाकिस्तान ने अपने देश में प्रवेश करने से रोक दिया।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली और लखनऊ से आए ये श्रद्धालु सिख जत्थे के साथ गुरु नानक देव जी के जन्मस्थान ननकाना साहिब के दर्शन के लिए रवाना हुए थे। सभी यात्रियों के पास जरूरी दस्तावेज और वीजा मौजूद थे, लेकिन वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें यह कहते हुए रोक दिया कि आप सिख नहीं हैं, इसलिए आपको प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा सकती।

पाकिस्तान ने रखी धर्म आधारित शर्त

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी अधिकारियों ने घोषणा की कि केवल वही लोग आगे जा पाएंगे जिनके कागजों में धर्म के रूप में ‘सिख’ लिखा हुआ है। इससे पहले हिंदू श्रद्धालु भी सिख जत्थे के साथ दर्शन यात्रा में शामिल होने के लिए स्वीकृत किए गए थे। अचानक बदले इस निर्णय ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत किया।

300 से अधिक लोगों को लौटाया गया

इसी के साथ स्वतंत्र रूप से वीजा आवेदन करने वाले करीब 300 भारतीयों को भी सीमा से वापस भेज दिया गया, क्योंकि उनके पास पाकिस्तान सरकार द्वारा मांगी गई अतिरिक्त मंजूरी नहीं थी। यह सभी श्रद्धालु गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती पर ननकाना साहिब में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने जा रहे थे।

श्रद्धालुओं ने जताया दुख और विरोध

भारत लौटे श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्हें सीमा पर “हिंदू होने” के कारण रोका गया, जबकि उनके पास सभी वैध यात्रा दस्तावेज मौजूद थे। उनका कहना है कि पाकिस्तान का यह रवैया न केवल धार्मिक असहिष्णुता को दर्शाता है बल्कि भारत-पाक लोगों के बीच आपसी विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है।

भारत में बढ़ा आक्रोश

इस घटना को लेकर भारत में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने पाकिस्तान के इस भेदभावपूर्ण व्यवहार की निंदा की है। उनका कहना है कि गुरु नानक देव जी का संदेश सभी धर्मों के लिए समानता और मानवता का था, और ऐसी घटनाएं उसी भावना के विपरीत हैं।

गौरतलब है कि ननकाना साहिब वही स्थान है जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। हर वर्ष प्रकाश पर्व के अवसर पर भारत से सैकड़ों सिख और अन्य धर्मों के श्रद्धालु वहां दर्शन के लिए जाते हैं।