छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड पर WHO शख्त, भारत में बनी तीन दवाओं को लेकर वैश्विक अलर्ट

4

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कथित तौर पर दूषित कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस घटना को गंभीर स्वास्थ्य आपदा बताते हुए भारत में बनी तीन कफ सिरप दवाओं के खिलाफ वैश्विक चेतावनी जारी की है।

WHO ने अपने बयान में कहा है कि इन दवाओं में डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल जैसे विषैले रसायन पाए गए हैं, जो गुर्दे फेल होने, तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाने और मौत का कारण बन सकते हैं। संगठन ने इन पदार्थों को बच्चों के लिए घातक बताया और कहा कि इन दवाओं का इस्तेमाल किसी भी कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए। संगठन ने भारत समेत उन सभी देशों से अपील की है जहां ये दवाएं निर्यात या बिक्री में हैं, कि वे तुरंत जांच और बिक्री पर रोक लगाएं।

इस मामले की शुरुआत तब हुई जब छिंदवाड़ा जिले में पांच बच्चों की मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हुई। परिजनों ने बताया कि बच्चों ने खांसी-जुकाम की दवा पीने के बाद तबीयत बिगड़ने की शिकायत की थी। जांच में दवा की क्वालिटी संदिग्ध पाई गई। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने दवा के नमूने जब्त कर जांच के लिए भेजे, जिसके बाद WHO को रिपोर्ट सौंपी गई।

इस घटनाक्रम के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने संबंधित दवा कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा है और संदिग्ध उत्पादन इकाइयों की जांच शुरू कर दी गई है।

गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों में WHO ने गाम्बिया, उज़्बेकिस्तान और कैमरून में भी भारतीय कफ सिरप से जुड़ी बच्चों की मौतों पर चेतावनी जारी की थी। संगठन ने कहा कि यह एक प्रणालीगत समस्या बनती जा रही है और भारत को अपने फार्मा रेगुलेशन सिस्टम को और कड़ा करने की जरूरत है।

WHO ने आम जनता से भी अपील की है कि वे अविश्वसनीय स्रोतों से दवाएं न खरीदें, और किसी भी संदिग्ध कफ सिरप का सेवन बच्चों को न कराएं। यदि किसी दवा के बाद असामान्य लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

WHO की चेतावनी के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड पर है — देशभर में दवा जांच और सैंपलिंग अभियान शुरू कर दिया गया है।