
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर विदेशी यात्रियों के लिए 1 अक्टूबर 2025 से एक बड़ी सुविधा की शुरुआत होने जा रही है। अब अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को पेपर-आधारित आगमन कार्ड भरने की जरूरत नहीं होगी। इसके स्थान पर यात्री अपनी आगमन जानकारी पहले से ही ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भर सकेंगे। इस नई व्यवस्था को ‘E-Arrival Card’ नाम दिया गया है।
क्या है यह नई सुविधा?
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के अनुसार, यह प्रणाली ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के अंतर्गत शुरू की जा रही है। यात्री अपनी यात्रा से तीन दिन पहले तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे। इससे उन्हें एयरपोर्ट पर लाइन में खड़े होकर मैन्युअल फॉर्म भरने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
समय की बचत और पर्यावरण संरक्षण
इस पहल से न केवल यात्रियों को तेजी से इमिग्रेशन प्रक्रिया पूरी करने में मदद मिलेगी, बल्कि हवाई अड्डे की कुशलता और सस्टेनेबिलिटी के लक्ष्यों को भी सहयोग मिलेगा। पेपर कार्ड की जगह डिजिटल प्रणाली अपनाने से कागज की खपत कम होगी, जिससे पर्यावरण को लाभ मिलेगा और इमिग्रेशन डेस्क पर भीड़ भी घटेगी।
अंतरराष्ट्रीय मानकों की ओर भारत
थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और मलेशिया जैसे देशों में पहले से ही ऐसी डिजिटल एराइवल सुविधाएं मौजूद हैं। अब भारत भी इस दिशा में कदम बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को वैश्विक स्तर की सुविधा उपलब्ध कराने जा रहा है।
इससे पहले हुई थी पहल – FTI-TTP
जून 2024 में भारत ने पहला “फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन – ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI-TTP)” लॉन्च किया था, जिससे भारतीय नागरिकों और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारकों को तेज़ और स्वचालित इमिग्रेशन का लाभ मिल रहा है। E-Arrival Card उसी दिशा में एक और डिजिटल प्रयास है।
1 अक्टूबर से शुरू होने वाली E-Arrival Card सुविधा यात्रियों के लिए इमिग्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाएगी। यह कदम न केवल यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा बल्कि भारत को डिजिटल और पर्यावरण-हितैषी व्यवस्थाओं की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाएगा।