मोदी कैबिनेट का 69,725 करोड़ का शिपबिल्डिंग मेगा पैकेज

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में देश की समुद्री और जहाज निर्माण क्षमताओं को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक फैसला लिया गया। कैबिनेट ने 69,725 करोड़ रुपये के विशाल पैकेज को मंजूरी दी है, जिससे भारत को वैश्विक जहाज निर्माण उद्योग में मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में स्थापित करने की तैयारी है।

पैकेज का ब्योरा

इस मंजूर पैकेज में शामिल हैं—

24,736 करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस के लिए

25,000 करोड़ रुपये मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड के लिए

19,000 करोड़ रुपये शिपबिल्डिंग डेवलपमेंट स्कीम के लिए

विशेषज्ञों का कहना है कि इस बड़े निवेश से शिपबिल्डिंग सेक्टर को पूंजी की कमी से उबारने और उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी। वर्तमान में चीन, जापान और कोरिया इस क्षेत्र में दबदबा बनाए हुए हैं। भारत का यह कदम इन देशों को चुनौती देने के साथ ही वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाएगा।

निवेश और रोजगार के नए अवसर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जहाज निर्माण उद्योग अत्यधिक पूंजी-गहन होता है और वही देश इस उद्योग में टिक पाए हैं जिन्होंने पर्याप्त वित्तीय समर्थन दिया। उन्होंने बताया कि इस पैकेज से उद्योग में निवेश आकर्षित होगा और रोजगार के हजारों नए अवसर पैदा होंगे।

पीएम मोदी ने बताया ‘परिवर्तनकारी कदम’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पैकेज को समुद्री आत्मनिर्भरता की दिशा में परिवर्तनकारी पहल बताया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से 4.5 मिलियन सकल टन भार क्षमता (Gross Tonnage Capacity) का सृजन होगा और देश में रोजगार की नई संभावनाएं उत्पन्न होंगी।

रणनीतिक दृष्टि से भी अहम

जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह पहल भारत को रणनीतिक स्वतंत्रता दिलाने, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं विकसित करने और समुद्री क्षमताओं को नई मजबूती देने में महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे न केवल भारत का भू-राजनीतिक लचीलापन बढ़ेगा बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में समुद्री क्षेत्र से अहम योगदान मिलेगा।