उत्तराखंड में कुदरत का कहर, बादल फटने से उत्तरकाशी में तबाही, 8 मजदूर लापता

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उत्तराखंड में मानसून की बारिश ने एक बार फिर तबाही मचाई है। शनिवार रात उत्तरकाशी जिले के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर बलिगढ़ में बादल फटने की घटना सामने आई है। इस हादसे में निर्माणाधीन होटल साइट पर काम कर रहे 8-9 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं। घटनास्थल पर SDRF, NDRF और पुलिस की टीमें युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि बलिगढ़ में बादल फटने से अचानक मलबा और पानी का तेज बहाव निर्माणाधीन होटल साइट को अपनी चपेट में ले गया। वहां मौजूद मजदूरों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। बड़कोट तहसील के सिलाई बैण्ड इलाके में भी बारिश से भारी नुकसान हुआ है।

सड़कें बंद, हाईवे पर मलबा

तेज बारिश और भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-94) पर कई स्थानों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। बद्रीनाथ हाइवे भी रुद्रप्रयाग के कई हिस्सों में भूस्खलन के कारण बंद हो चुका है।

देहरादून समेत 7 जिलों में रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने रविवार सुबह देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, बागेश्वर जिले में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। राजधानी देहरादून में सुबह से झमाझम बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।

भारी बारिश के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने यात्रियों और स्थानीय लोगों को यात्रा टालने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को भी सतर्क रहने को कहा गया है।

आपदा प्रबंधन की टीमें मुस्तैद

राज्य की आपदा प्रबंधन टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। सभी जिलों में प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लापता मजदूरों की तलाश के लिए डॉग स्क्वॉड और ड्रोन की मदद भी ली जा रही है।